शाहजहांपुर, शिक्षा विभाग में परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने बाले बच्चों की शैक्षिक गुणवत्ता सुधारने के लिए विभाग ने कुछ शिक्षकों को एआरपी तथा एसआरजी के रूप में नियुक्त किया है।
चयनित एआरपी को अपने विद्यालय जाने से मुक्ति देकर, शैक्षिक स्तर बढ़ाने के लिए पूरे महीने अन्य विद्यालयों में पर्यवेक्षण करने की जिम्मेदारी दी गयी, लेकिन जिले के कई एआरपी तथा एसआरजी ने विद्यालय में पर्यवेक्षण के नाम पर खानापूर्ति कर पूरे महीने में एक ही पर्यवेक्षण किया। एआरपी, एसआरजी तथा डायट से नियुक्ति किये गए मेंटर ने मात्र ढाई मिनट में विद्यालय पर्यवेक्षण कर लिया, यही नहीं विद्यालयों में पर्यवेक्षण समय नियुक्ति शिक्षकों से पोर्टल पर अधिक संख्या में शिक्षकों की उपस्थित दिखा दी। महानिदेशक ने पोर्टल की समीक्षा करते हुए जिले दो एआरपी, एसआरजी तथा डायट मेंटर के पर्यवेक्षण को पकड़ लिया।
उन्होंने जिले से मिले आंकड़ों के आधार पर कहा कि न निर्धारित समय में पर्यवेक्षण हुआ है, न ही निर्धारित लक्ष्य के हिसाब से जांच की गई है। यही नहीं शिक्षकों की उपस्थिति शत-प्रतिशत या अधिक दिखाई गई है, जो संदेहास्पद है।
उन्होंने संबंधित जिलों के एसआरजी, एआरपी व मेंटर से स्पष्टीकरण लेकर तथ्यात्मक रिपोर्ट एक सप्ताह में राज्य परियोजना कार्यालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में निर्देशों के अनुसार पर्यवेक्षण न होने पर बीएसए, खंड शिक्षा अधिकारी व मेंटर का उत्तरदायित्व निर्धारित किया जाएगा।