स्कूल सेविका को 35 साल बाद मिला बकाया वेतन

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प्रयागराज, । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कन्या जूनियर हाईस्कूल बांदा से रिटायर सेविका को हर्जाने सहित बकाया वेतन न्याय हित में एकमुश्त एक लाख रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि लोक कल्याणकारी राज्य होने के नाते सरकार चार सप्ताह में याची को भुगतान करे।

यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने भगोनिया देवी की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। कोर्ट ने कहा कि 35 साल तक के 165 रुपये प्रतिमाह के हिसाब से 69300 रुपये होते हैं। उसे दो बार हाईकोर्ट आना पड़ा इसलिए हर्जाने सहित एक लाख रुपये दिया जाए। कोर्ट ने अपने निर्णय में चाणक्य के अर्थशास्त्रत्त् के श्लोक का उल्लेख किया कि प्रजा सुखे सुखं राज्ञ:। प्रजानां तु हिते हितों।।

यानि प्रजा के सुख में राजा का सुख निहित है। प्रजा के हित में ही उसे अपना हित दिखना चाहिए। याची एक जुलाई 1977 में 15 रुपये प्रतिमाह वेतन पर अंशकालिक सेविका नियुक्त की गई।

14 मई 1981 को सहायक इंस्पेक्टर स्कूल ने वेतन बढ़ाकर 165 रु प्रतिमाह कर दिया लेकिन वित्तीय अनुमोदन न मिल पाने के कारण वह 15 रुपये वेतन पर ही काम करती रही। मई 1996 में वह वेतन भी रोक दिया गया। हाईकोर्ट में याचिका की तो कोर्ट ने निर्णय लेने का निर्देश दिया। उधर, वेतन बढ़ाने का आदेश 1985 में वापस ले लिया गया था, जिसे चुनौती नहीं दी गई। वर्ष 2010 में यह याचिका करके तय वेतन की मांग की गई। याची वर्ष 2016 तक कार्यरत रहते हुए 60 वर्ष की आयु में रिटायर हो गई।