सरकारी नौकरियों में आरक्षण विसंगति को लेकर सरकार को चिट्ठी लिखकर घेरने और फिर सरकार की ओर से उसका खंडन किए जाने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि एनडीए की सहयोगी अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने फिर ऐसा ही एक और मुद्दा उठा दिया है। मंगलवार को पार्टी के संस्थापक सोनेलाल पटेल की 95वीं जयंती के पर आयोजित जन स्वाभिमान दिवस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि 69 हजार शिक्षक भर्ती में आरक्षण की गड़बड़ी अभी तक वह ठीक नहीं करा पाई हैं, जबकि राज्य सरकार के सामने यह
मामला कई बार उठा चुकी हैं। अभ्यर्थी 69 हजार बेसिक शिक्षकों की भर्ती के 19 हजार सीटों पर आरक्षण में घोटाले का आरोप लगा रहे हैं। अनुप्रिया इन पिछड़ा वर्ग के
अभ्याथियों का समर्थन कर रही हैं।
गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित कार्यक्रम में अनुप्रिया ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की खूब प्रशंसा की। उन्होंने कहा, मोदी ने पिछड़ों के हक में तमाम कार्य किए हैं। पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया. विश्व विद्यालयों में आरक्षण के प्वाइंटर रोस्टर को लागू किया, केंद्रीय स्कूलों व नीट में ओबीसी श्रेणी के विद्यार्थियों को आरक्षण दिलाया। विपक्षी दल संविधान खत्म होने का भ्रम फैला रहे हैं। हमें मौसमी सामाजिक न्याय वाली
पार्टियों से सावधान रहना चाहिए। जब ये सत्ता में रहती हैं तो इन्हें पिछड़ा, दलित व अल्पसंख्यक (पीडीए) याद नहीं आता। सत्ता से दूर होते ही पीडीए के लिए न्याय मांगने का नाटक करती हैं.
सपा का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि प्रमोशन में आरक्षण का इन्होंने ही विरोध किया था। चार बार सत्ता में रहे लेकिन जातिवार जनगणना नहीं कराई। वहीं मुलायम सिंह यादव का बिना नाम लिए कहा, रक्षा मंत्री रहने के बावजूद उन्होंने सैनिक स्कूलों में ओबीसी श्रेणी के लिए आरक्षण नहीं लागू कराया। नाट फाउंड सुटेबल लिखकर सपा सरकार में भी पिछड़ों के आरक्षण से खिलवाड़ किया गया।