फैसला, दस साल से अधिक सेवा दे चुके अतिथि शिक्षक प्रिंसिपल पद के योग्य
सरकार की दलील, विज्ञापन में स्पष्ट थी योग्यता
इस मामले में यूपीएससी और दिल्ली सरकार की ओर से कहा गया कि प्राचार्य की भर्ती के विज्ञापन में ही स्पष्ट कर दिया गया था कि इस पद के लिए निर्धारित अनुभव की गणना करते समय उम्मीदवार द्वारा अंशकालिक आधार पर प्राप्त किए गए अनुभव की अवधि, दैनिक वेतन, अतिथि शिक्षक के तौर पर प्राप्त अनुभव को नहीं माना जाएगा। बता दें कि सरकारी स्कूलों में प्राचार्य के खाली पदों को 50 फीसदी पदोन्नति के जरिए भरने का प्रावधान है, जबकि 50 फीसदी भर्ती यूपीएससी द्वारा सीधी भर्ती के जरिए की जाएंगी।
नई दिल्ली। केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) ने अतिथि शिक्षकों को बड़ी राहत दी है। कैट ने एक अहम फैसले में कहा है कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में दस वर्षों से अधिक सेवा दे चुके अतिथि शिक्षक प्राचार्य भर्ती में शामिल हो सकेंगे। कैट सदस्य आनंद माथुर और मनीष गर्ग की पीठ ने यह फैसला सुनाया।
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने जुलाई 2021 में दिल्ली सरकार के स्कूलों में प्राचार्य की भर्ती निकाली थी। इसमें हजारों शिक्षकों/अतिथि शिक्षकों ने आवेदन किया था।
इनमें एक अतिथि अध्यापक वतन दीप भी शामिल थे। सितंबर 2022 में जारी परिणाम में वह सफल रहे। लेकिन, आयोग ने 29 नवंबर 2022 को यह कहते हुए उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी कि उनके पास पर्याप्त योग्यता नहीं है। इसके खिलाफ उन्होंने कैट में याचिका दायर की।
इस पर सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता 10 वर्ष से अधिक समय से अनुबंध अथवा अतिथि शिक्षक के रूप में कार्य कर रहे हैं। इस कार्य अनुभव के आधार पर कैट ने साक्षात्कार में शामिल होने देने का अंतरिम आदेश दिया।