लखनऊ, प्राइमरी की प्रत्येक बालिका पावर एंजिल तो हर बालक में मॉनिटर के गुण विकसित किए जाएंगे। इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग उच्च प्राथमिक विद्यालयों में मीना मंच तथा प्राथमिक विद्यालयों में बाल संसद का गठन कराने जा रहा है।
विभाग ने नई शिक्षा नीति के तहत जारी दिशा निर्देश के तहत इसके लिए एक कार्ययोजना तैयार की है जिसका उद्देश्य 6 से 14 वर्ष की आयु वर्ग के बालक-बालिकाओं को मानसिक एवं सामाजिक रूप से पूरी तरह से दक्ष बनाना है।
मीना मंच के माध्यम से बालिकाओं में नेतृत्व तथा अभिव्यक्ति की क्षमता संवर्द्धन करने के साथ-साथ उन्हें विभिन्न कौशलों में पारंगत बनाना है। अर्थात मंच के माध्यम से सामाजिक एवं आर्थिक दृष्टि से पिछड़ी सभी बालिकाओं को विद्यालय में नामांकित कराने के लिए स्कूलों में‘ मीना मंच’’ का संचालन किया जाएगा। इसी प्रकार से बालकों में उनके आसपास के परिवेश के प्रति जिम्मेदारी का भाव विकसित करने के लिए प्राथमिक विद्यालयों में बाल संसद का गठन कर उसे सक्रिय किया जाएगा।