प्राइमरी स्कूलों के शिक्षक भी जल्द ही स्मार्ट गुरुजी बनेंगे। बेसिक शिक्षा विभाग राज्य के अच्छे अध्यापकों का चयन कर उन्हें कर्नाटक व महाराष्ट्र आदि राज्यों में भेज कर न सिर्फ उन्हें आधुनिक शिक्षा की ट्रेनिंग दिलाएगा बल्कि उनके व्यक्तित्व विकास को भी नए आयाम तक पहुंचाएगा। शासन के निर्देश पर बेसिक शिक्षा निदेशालय ने यह प्रस्ताव बनाया है। इस पर अधिकारियों ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है। जल्द इस संबंध में आदेश जारी किए जाएंगे। ये चयनित शिक्षक कर्नाटक-महाराष्ट्र जैसे अग्रणी राज्यों में जाकर पढ़ाई के आधुनिक तरीके सीखने के साथ-साथ शिक्षा के अन्य नवाचारों से भी रूबरू होंगे। विभाग इसके लिए प्रदेश के हर ब्लॉक से एक से दो शिक्षक का चयन करने जा रहा है। प्रदेश में तेजी से बढ़ते स्मार्ट क्लास कल्चर के बीच आ रही तकनीकी दिक्कतों को दूर करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग शिक्षकों को नई कार्यसंस्कृति के लिए प्रशिक्षित कराएगा।
दरअसल, इस समय जितने स्मार्ट क्लास चल रहे हैं, उनमें ज्यादातर में कुछ समय तक काम करने के बाद लगातार कुछ न कुछ अवरोध उत्पन्न हो रहे हैं। इसका कारण क्लास में उपयोग में आने वाली इलेक्ट्रानिक वस्तुओं का ठीक प्रकार से उपयोग करना न आना है। इन्हीं तकनीकी कारणों से लगातार स्मार्ट क्लास में उत्पन्न हो रहे अवरोध से शिक्षण कार्य पर पड़ रहे असर को देखते हुए ही यह निर्णय किया है।
हर ब्लाक से होगा दो शिक्षकों का चयन
प्रदेश के हर ब्लॉक से एक से दो शिक्षकों का चयन किया जाएगा। इन चयनित शिक्षकों को कर्नाटक, महाराष्ट्र, आन्ध्र प्रदेश या तेलंगाना के ऐसे सरकारी स्कूलों में प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा, जहां उस राज्य का सबसे बेहतरीन स्मार्ट क्लास संचालित किया जा रहा है। विभाग ने इन राज्यों से ऐसे स्कूलों की सूची भी मंगाई हैं।
प्रशिक्षित शिक्षक दूसरे शिक्षकों को करेंगे प्रशिक्षित
बेसिक शिक्षा विभाग स्मार्ट क्लास को यूज-टू बनाने के लिए जिन शिक्षकों को दूसरे राज्यों से प्रशिक्षण के लिए भेजेगा वहीं प्रशिक्षित शिक्षक अपने जिले में उन सभी स्कूलों के शिक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे। जहां इस समय स्मार्ट क्लास या तो संचालित किए जा रहे हैं या शुरू होने वाले हैं। विभाग इन प्रशिक्षत शिक्षकों को मास्टर ट्रेनर के रूप में चिन्हित करेगा।