गौरीगंज, (अमेठी) असाध्य रोग के प्रमाण पत्र पर सीएमओ की ओर से किए जाने वाले प्रति हस्ताक्षर के नाम पर बीएसए कार्यालय के कर्मियों ने शिक्षकों से अवैध वसूली की थी। मामले की पोल तब खुली जब एक शिक्षक का स्थानांतरण होने के बाद जांच में प्रति हस्ताक्षर फर्जी पाया गया। पीड़ित शिक्षक ने सीडीओ से मिलकर शिकायत की तो सीडीओ ने वसूली करने वाले एक कर्मी को मौके पर गिरफ्तार करवा लिया है।
बाजारशुकुल के प्राथमिक विद्यालय काजीपुर में तैनात सहायक अध्यापक तैय्यब खां का अंतर्जनपदीय स्थानांतरण मुरादाबाद के लिए हो गया है। स्थानांतरण में उनकी ओर से पत्नी को हृदय रोग से पीड़ित होने का प्रमाण पत्र लगवाया था। प्रमाण पत्र के सत्यापन में सीएमओ का प्रति हस्ताक्षर फर्जी पाया गया। कूटरचित प्रमाण पत्र लगाने के आरोप में उन्हें कार्यमुक्त नहीं किया जा रहा था।
सीडीओ से हुई शिकायत तो खुली पोल: सोमवार को शिक्षक ने सीडीओ से मामले की शिकायत की। शिक्षक का आरोप है कि स्थानांतरण में उनकी ओर से लगाया गया असाध्य रोग का प्रमाण पत्र सत्य है। असाध्य रोग के प्रमाण पत्र पर सीएमओ के प्रति हस्ताक्षर कराने के नाम पर बीएसए कार्यालय के संतोष कुमार सिंह ने उनसे 35 हजार रुपये फोन पे के माध्यम से लिया था। लेकिन प्रमाण पत्र पर प्रति हस्ताक्षर फर्जी तरीके से कराया है। सीडीओ सान्या छाबड़ा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए फीजियोथेरेपिस्ट संतोष कुमार सिंह को विकास भवन में तलब कर फोन पे के माध्यम से ली गई रकम का सत्यापन किया तो मामला सही पाया गया।
सीडीओ ने नाराजगी व्यक्त करते हुए मुकदमा पंजीकृत कराने का निर्देश बीएसए को दिया। सत्यापन में खुली फर्जीवाड़ा की पोल : जिले से कुल 482 शिक्षकों ने स्थानांतरण के लिए आवेदन किया था । इनमें 12 शिक्षकों ने असाध्य रोग का प्रमाण पत्र लगाकर भारांक की मांग
की थी । असाध्य रोग के प्रमाण पत्र पर हुए प्रति हस्ताक्षर का सत्यापन कराने के लिए सीएमओ को भेजा गया था। इनमें से पांच प्रमाण पत्र पर हुए प्रति हस्ताक्षर फर्जी मिले थे। कूटरचित तरीके से प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने वाले शिक्षकों को नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा गया था।