यह विवाद काफी लम्बे समय से चल रहा है। अभी कुछ समय पहले सुर्पीम कोर्ट ने बीएड को प्राइमरी से बाहर कर दिया हैं। लेकिन सोशल मिडिया पर दोनो तरफ वाद विवाद हो रहा है। सभी का अलग अलग तर्क दे रहे है। इसी तरह का एक तर्क सोशल मिडिया से मिला है। जिसमे कहा जा रहा है कि बीएड वाले प्राइमरी मे किसी का हक नही मार रहे है। लेकिन बीटीसी का कहना है कि बीएड वाले हमारा हक मार रहे है। यहां ये बात कहना है कि बीएड जूनियर के लिए होते है और बीटीसी प्राइमरी के लिए होता है। लेकिन कुछ समय के लिए सरकार ने यह छूट दी थी कि बीएड वालो को प्राइमरी का फार्म भर सकते है।
B.ed vs BTC
अब कोर्ट ने प्राइमरी मे से बीएड को बाहर कर दिया। इस तरह BTC का प्राइमरी मे रास्ता साफ हो गया । इसका पूरा फायदा बीटीसी को मिलेगा। लेकिन देखा जाये तो फायदा हर तरफ से बीटीसी को ही जा रहा है। जानिये इस तर्क से
अब बीटीसी वालो का प्राइमरी मे जाब लगने के बाद कुछ साल बाद उनका प्रमोशन होगा। प्रमोशन के बाद बीटीसी वाले जूनियर मे चले जायेगे। अब उनका पद खाली हो गया। पद भरा गया जूनियर मे खाली हुआ प्राइमरी मे। अब जब भी जाब आयेगी तो पद भरा जायेगा प्राइमरी में । जाब लगेगी बीटीसी की । तो देखा जाये तो बीएड का तो किसी तरह से भी नौकरी नही लगी। कौन किसका पद ले रहा है इस पोस्ट से समझ मे आ गया होगा। अब ये मैटर कोर्ट मे फिर से जाना तय है। इसमे सरकार की पहले मुख्य होगा।