संतकबीरनगर। एसटीएफ ने परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच की है। इसमें कुल 23 शिक्षक फर्जी मिले हैं। एसटीएफ ने इन फर्जी शिक्षकों पर केस दर्ज कराकर उसकी रिपोर्ट बीएसए से मांगी है। एसटीएफ की इस कार्रवाई से फर्जी तरीके से नौकरी हासिल करने वाले शिक्षकों की परेशानी बढ़ गई है।
प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने और योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद परिषदीय विद्यालयों में फर्जी तरीके से नियुक्ति किए गए शिक्षकों की जांच की जिम्मेदारी एसटीएफ को सौंपी गई थी।
तीन साल पहले एसटीएफ की जांच में 12 शिक्षक फर्जी पाए गए थे। उन शिक्षकों पर बर्खास्तगी की कार्रवाई भी हुई थी। इसके बाद दो माह पहले एसटीएफ ने 14 शिक्षकों की सूची बीएसए को भेजी थी। जिसमें कहा था कि यह शिक्षक फर्जी प्रमाणपत्रों पर नौकरी कर रहे हैं। इन पर कार्रवाई करें।
इधर, दो दिन पहले एसटीएफ ने फिर नौ शिक्षकों की रिपोर्ट भेजी है। पुलिस अधीक्षक ने बीएसए को पत्र भेजकर कहा है कि शिक्षक भर्ती में हुई अनियमितता की जांच गोपनीय तरीके से की गई। जिसमें कूटरचित दस्तावेज के सहारे नौ शिक्षक जिले में कार्यरत हैं। इन शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसकी रिपोर्ट एसटीएफ को भी प्रेषित की जाए। एसटीएफ की इस कार्रवाई से फर्जी तरीके से नौकरी हासिल किए शिक्षकों की परेशानी बढ़ गई है। शिक्षक बीएसए कार्यालय से हो रही कार्रवाई पर नजर लगाए हुए हैं।
एक शिक्षकों पर कार्रवाई से कतरा रहा बीएसए कार्यालय
एसटीएफ ने एक साल पहले एक शिक्षक पर कार्रवाई के लिए पत्र भेजा था। जिसमें शिक्षक पर कूटरचित दस्तावेज के सहारे नौकरी करने का आरोप था। बीएसए कार्यालय ने शिक्षक को निलंबित तो किया पर उन्हें बर्खास्त नहीं किया। एक साल से वह शिक्षक बर्खास्त है। इधर, एसटीएफ ने जो फर्जी शिक्षकों की रिपोर्ट दी है, उसमें भी यह शिक्षक शामिल है। बीएसए कार्यालय इस शिक्षक पर एक साल से मेहरबान है और कार्रवाई करने से कतरा रहा है।
एसटीएफ ने जिन शिक्षकों पर कार्रवाई की रिपोर्ट दी है, जल्द ही उन पर कार्रवाई की जाएगी, शिक्षकों को उनके क्षेत्र के थानों पर केस दर्ज कराया जाएगा। अगर पिछली बार के कुछ शिक्षक रह गए हैं और कार्रवाई नहीं हुई है तो उनकी भी जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
अमित कुमार सिंह, बीएसए