कानपुर देहात। स्कूलों में छात्रों की कम उपस्थिति का एक बड़ा कारण छोटे भाई-बहनों की देखभाल में व्यस्त रहना भी है। इस स्थिति को दूर करने के लिए विशेष उपस्थिति अभियान चलाया जाएगा। आंगनबाड़ी केंद्रों से संबंध स्थापित कर छोटे बच्चों की देखभाल सुनिश्चित कराई जाएगी।
राज्य परियोजना कार्यालय का मानना है कि स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति कम होने के प्रमुख कारण अभिभावकों की आर्थिक व सामाजिक स्थिति का खराब होना, शिक्षा के प्रति कम रुझान, बच्चों का छोटे भाई-बहनों की देखभाल में संलग्न होना अथवा घरेलू कार्यों में व्यस्तता होना है। बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग छह वर्ष से छोटे बच्चों की देखभाल एवं स्कूल पूर्व शिक्षा ग्रहण करने के लिए आंगनबाड़ी केंद्र चलाते हैं।
छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए प्राथमिक स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों के मध्य उचित समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि छोटे बच्चों का पंजीकरण वहां कराया जा सके। इससे बड़े भाई-बहन स्कूल में आकर अपनी पढ़ाई कर सकेंगे। स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने इस संबंध में पत्र जारी कर निर्देश दिया गया है कि यदि कोई बच्चा लगातार एक से तीन दिन तक अनुपस्थित रहता है तो उसके अभिभावक से फोन कर स्थिति समझी जाए। चार से छह दिन तक अनुपस्थित रहने वाले बच्चों के घर पर जाकर शिक्षक बातचीत करें और अभिभावक को प्रेरित करें।
उपस्थिति बढ़ाने को चलेगा आउटरिच प्रोग्राम-
स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने उपस्थिति बढ़ाने के लिए आउटरिच प्रोग्राम भी चलाने का निर्देश दिया है। इसके तहत खंड शिक्षा अधिकारी के नेतृत्व में हर महीने विकासखंड के तीन गांवों में शिक्षा चौपाल का आयोजन किया जाएगा। शिक्षा चौपाल के दौरान शैक्षणिक रणनीति संदर्शिका, टीएलएम, प्रिंट सामग्री, गणित व विज्ञान किट, रिपोर्ट कार्ड आदि का प्रदर्शन कर अभिभावकों को जागरूक किया जाएगा। हर महीने अभिभावक शिक्षक बैठक आयोजित होगी। ग्राम पंचायत में होने वाली बैठकों में भी बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने पर चर्चा होगी। हर महीने के अंतिम शनिवार को उस महीने में जन्म लेने वाले बच्चों का जन्मदिन मनाया जाएगा।
प्रधान को भी दी गई जिम्मेदारी-
एक सप्ताह से अधिक अनुपस्थित रहने पर शिक्षक अभिभावक एवं ग्राम प्रधान से मिलकर इस संबंध में कार्यवाही करने को कहा गया है। सर्वाधिक उपस्थिति वाले स्कूलों के शिक्षकों को सम्मानित किया जायेगा। ऐसे पांच प्रधानाध्यापकों का नाम और विद्यालयवार बच्चों की उपस्थिति का प्रतिशत हर महीने विकासखंड कार्यालय के बोर्ड पर प्रदर्शित किया जायेगा।