अशोक सिंह भाटी. अजमेर. यूपीएससी परीक्षा 2023 का रिजल्ट जारी होने के बाद एक अजीब मामला सामने आया है. यूपीएससी में सफलता हासिल का दावा करते हुए एक महिला प्रोफेसर के घर तीन दिन तक जश्न चलता रहा लेकिन फिर सामने आई सच्चाई ने पूरे परिवार के होश उड़ा दिए. पता चला कि महिला प्रोफेसरे के शहर से करीब 500 किलोमीटर दूर रहने वाली दूसरी महिला को यूपीएससी में सफलता मिली है. गहलत की कहानी भी कम दिलचस्प नहीं है. पूरा मामला संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) परीक्षा 2023 में 470वीं रैंक हासिल करने वाले कैंडिडेट के नाम से जुड़ा हुआ है. राजस्थान की मार्बल नगरी किशनगढ़ (अजमेर) की बेटी ऋतु यादव को इस रैंक पर पास होने वाली कैंडिडेट माना जा रहा था लेकिन हकीकत इससे उलट थी. तीन दिन बाद अब सामने आया है कि किशनगढ़ की नहीं मध्य प्रदेश के पृथ्वीपुर (निवाड़ी) की रहने वाली ऋतु का चयन यूपीएससी में 470वीं रैंक पर हुआ है. पूरी गफलत इसलिए हुई क्योंकि कैंडिडेट के नाम के आगे पिता का नाम मौजूद नहीं था.
किशनगढ़ निवासी ऋतु यादव का वर्तमान में पाली के गर्ल्स कॉलेज में हिंदी की प्रोफेसर हैं. ऋतु कई अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में भी सफलता हासिल कर चुकी हैं. साल 2021 में आरएएस में चयन हुआ है और जल्द ही वह SDM के पद पर जॉइन करने वाली हैं. ऋतु के परिवार का कहना है कि वह आगे भी आईएएस के लिए प्रयास करती रहेंगी.
इसलिए भी हुआ कन्फ्यूजन
दरअसल, यूपीएससी की ओर से घोषित परिणाम में 1016 अभ्यर्थियों की रैंक जारी की गई. इंटरव्यू दोनों ऋतु यादव की ओर से दिया गया था. रिजल्ट सूची में 470वीं रैंक पर सिर्फ एक ऋतु यादव का नाम था लेकिन पिता का नाम लिस्ट में नहीं था. इसलिए भी गफलत हो गई. किशनगढ़ निवासी ऋतु यादव का ध्यान रोल नंबर पर नहीं गया.वहीं, एमपी के निवाड़ी की रहने वाली ऋतु यादव के घर यूपीएससी एग्जाम-2023 में सफल होने का जश्न मनाया जा रहा है.