बदायूं,। शिक्षा विभाग में ब्लॉक स्तर पर तैनात बीईओ वसूली से बाज नहीं आ रहे हैं। इन दिनों कुछ ब्लॉकों के बीईओ द्वारा कंपोजिट ग्रांट खर्च करने के बदले में प्रधानाध्यापकों से 10 परसेंट की कमीशन मांगी जा रही है। इसकी शिकायत शिक्षकों द्वारा बीएसए से की गयी है।
परिषदीय विद्यालयों के लिए मेंटीनेंस एवं स्कूल के अन्य कार्यों के लिए हर वर्ष कंपोजिट ग्रांट दी जाती है। इस बार की कंपोजिट ग्रांट भी एसएमसी के खातों में भेजी जा चुकी है। प्रधानाध्यापकों ने एसएमसी की सहमति से स्कूलों में मेंटीनेंस एवं अन्य कार्यों को कराना शुरू कर दिया है। इसी बीच कुछ बीईओ द्वारा कंपोजिट ग्रांट पर कमीशन की मांग की जा रही है।
कमीशन भी एक दो परसेंट की नहीं, ब्लकि पूरी 10 परसेंट कमीशन की मांग की जा रही है। प्रधानाध्यापकों द्वारा कंपोजिट ग्रांट से कमीशन देने में असमर्थता जतायी जा रही है तो बीईओ द्वारा शिक्षकों के लिए कार्रवाई के लिए हड़काया जा रहा है। बीईओ की वसूली के फरमान से परेशान कुछ प्रधानाध्यापकों ने दबी जुबान से शिकायत बीएसए से की है। बीएसए स्वाति भारती ने बताया कि मामला संज्ञान में नहीं है। मुझे शिकायत मिलती है तो जांच कराकर कार्रवाई करेंगे।
सहसवान बीईओ की ज्यादा शिकायतेंः सहसवान बीईओ की सबसे ज्यादा शिकायतें आ रही हैं। इसके साथ ही कादरचौक, उसावां समेत अन्य ब्लॉकों के बीईओ की शिकायतें भी की जा रही है। शिक्षकों का कहना है कि सबसे ज्यादा परेशान हाल में ही नये बीईओ द्वारा किया जा रहा है।
इतनी आती है कंपोजिट ग्रांटः कंपोजिट ग्रांट बच्चों की संख्या के हिसाब से आती है। किसी विद्यालय में अगर 100 बच्चे नामांकित हैं तो 50 हजार की कंपोजिट ग्रांट जारी होती है। 100 से कम बच्चों पर 25 हजार की ग्रांट दी जाती है। 200 से ऊपर बच्चे होने पर 75 हजार की ग्रांट एसएमसी के खाते में ट्रांसफर होती है।
प्राथमिक शिक्षक संघ करेगा शिकायत
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष संजीव शर्मा ने बताया कि कंपोजिट ग्रांट खर्च करने के बदले में 10 परसेंट कमीशन की मांग की मुझे भी शिकायत मिली है, ये स्थिति अत्यंत खेदजनक है, संगठन बीएसए से मिलकर शिकायत दर्ज कराएगा