कायाकल्प : 46 परिषदीय स्कूलों को गोद लेगा निगम , स्कूलों को मिलेंगी यह सुविधाएं

शिक्षा विभाग

नगर क्षेत्र के 46 परिषदीय स्कूलों की रिपोर्ट नगर निगम को दे दी गयी है। सर्वे का कार्य शुरु हो गया है। इन सभी स्कूलों में कायाकल्प योजना के तहत कार्य किये जाएंगे।
-नरेन्द्र सिंह, नगर शिक्षाधिकारी

● 11 स्कूलों का जीडीए द्वारा किया जा चुका है कायाकल्प
● टाइल्स, दिव्यांगों के लिए शौचालय समेत अन्य कार्य होंगे
गोरखपुर। बेसिक शिक्षा परिषद से संचालित नगर क्षेत्र के परिषदीय स्कूलों का भी अब कायाकल्प होगा। यहां के बच्चे भी टाइल्स के फर्श, मेज-कुर्सी और अत्याधुनिक शैचालय का प्रयोग करते नजर आएंगे। जीडीए के बाद नगर निगम ने नगर में स्थित 46 स्कूलों को गोद लेकर उनके कायाकल्प की योजना तैयार की है। जल्द ही इस पर काम शुरु हो जाएगा। जीडीए ने पहले ही 11 स्कूलों को गोद लेकर उनका कायाकल्प कर दिया है। नगर क्षेत्र में कुल 58 परिषदीय स्कूल संचालित है। इसमें एक स्कूल को जर्जर घोषित कर दिया गया है। उसका निर्माण शासन के निर्देश बाद होगा।
शासन के निर्देश पर देहात के स्कूलों का कायाकल्प कराया जा रहा है। इसी के तहत अब शहर के स्कूलों का भी कायाकल्प होगा। करीब चार माह पहले जीडीए ने 11 स्कूलों को गोद लेकर उनका कायाकल्प योजना के तहत निर्माण करा चुका है। शेष 46 स्कूलों को अब नगर निगम द्वारा कायाकल्प कराया जाएगा। इसकी तैयारी भी शुरु हो गयी है। बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से नगर निगम को स्कूलों की रिपोर्ट सौंप दी गयी है। जिनका सर्वे नगर निगम के जेई द्वारा किया जाएगा।
नगर निगम ने सर्वे को गठित की टीमा:शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों की रिपोर्ट मिलने के बाद नगर निगम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए विभाग के जेई की टीम गठित कर दी है। जो स्कूलों में जाकर कायाकल्प योजना के तहत अधूरे कार्यो का सर्वे कर रहे हैं। जल्द ही उन स्कूलों में होने वाले खर्च की रिपोर्ट तैयार कर टीम नगर निगम को सौंप देगी। इसके बाद सरकार को प्रस्ताव भेजकर स्कूलों में कार्य शुरु करा दिया जाएगा। विभाग के अनुसार यह सभी कार्य अगले एक सप्ताह में शुरु हो जाएंगे।
स्कूलों में 19 पैरामीटर पर होना है कार्य: कायाकल्प योजना के तहत सरकार द्वारा निर्धारित 19 पैरामीटर पर कार्य किये जाएंगे। जिसमें विद्यालय के रंगाई-पोताई, बाउंड्रीवाल, विद्युतिकरण, फर्श पर टाइल्स, दिव्यागों के लिए और सामान्य वर्ग के लिए शौचालय का निर्माण, शुद्ध पेयजल व्यवस्था, मल्टीपल हैंडवाश यूनिट, बालक-बालिका के लि यूरिनल की व्यवस्था, व्हाइट ब्लैक बोर्ड एवं हर स्कूल में एक-एक कक्ष को स्मार्ट कक्ष के रुप तैयार करने समेत अन्य कार्य किये जाएंगे।