लखनऊ : प्रदेश सरकार मानक पूरे न करने वाले सात मदरसों की मान्यता खत्म करने जा रही है। इन्हें सरकार द्वारा वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई जाती है। जल्द ही मदरसा बोर्ड अपनी बैठक में इन मदरसों की मान्यता वापस लेने का प्रस्ताव लाने जा रहा है। ये मदरसे बलरामपुर, श्रवस्ती, संतकबीर नगर, प्रयागराज, सुलतानपुर व वाराणसी में हैं।प्रदेश सरकार 558 मदरसों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है। सरकार के पास वित्तीय सहायता प्राप्त कर रहे 35 मदरसों की शिकायत आई थी। सरकार ने इनकी जांच मंडलायुक्तों से कराई। इसमें पाया गया कि सात मदरसे ऐसे हैं जो भूमि या भवन संबंधी मानक पूरे नहीं करते हैं।
विशेष सचिव अल्पसंख्यक कल्याण जेपी सिंह ने भी इन मदरसों की मान्यता निरस्त करने के लिए पत्र उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्ट्रार को लिखा है। अब मदरसा बोर्ड इन मदरसों की मान्यता निरस्त करने की तैयारी कर रहा है।
इनमें श्रवस्ती का मदरसा दारुल उलूम अहले सुन्नत गुलशने तैयबा बनटिहवा, संतकबीर नगर का मदरसा दारुल उलूम अहले सुन्नत फैजुल इस्लाम मेंहदावल, बलरामपुर का मदरसा अहले सुन्नत नूरुल उलूम अतीकिया महराजगंज तराई, सुलतानपुर का मदरसा इस्लामिया नरहरपुर, वाराणसी का मदरसा इस्लामिया वारसी कठिराव, प्रयागराज का मदरसा तालीमुल कुरान सल्लाहपुर व मदरसे रहमते निस्वां अकबरपुर शामिल हैं।
मदरसा बोर्ड के रजिस्ट्रार एसएन पाण्डेय ने बताया कि इन सातों मदरसों को दो बार कारण बताओ नोटिस दिया जा चुका है। अब इनकी मान्यता वापस लेने के लिए प्रस्ताव बोर्ड बैठक में लाया जा रहा है। मान्यता वापस होने के बाद इनकी वित्तीय सहायता बंद हो जाएगी।