प्रयागराज, ऑपरेशन कायाकल्प के तहत प्रदेश के 1.50 लाख से अधिक परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों को मार्च 2023 तक मूलभूत सुविधाओं से संतृप्त करने का लक्ष्य तय किया गया है। इसमें भी सबसे महत्वपूर्ण प्रत्येक स्कूल में मार्च 2023 तक दिव्यांग मैत्रिक शौचालय का निर्माण सुनिश्चित करना है। वर्तमान में 87610 स्कूलों में दिव्यांग मैत्रिक शौचालय नहीं है। इसकी जिम्मेदारी नगर निगम, निकाय, प्राधिकरणों और स्मार्ट सिटी की एजेंसी को दी गई है।
मार्च 2023 तक सभी 52670 कक्षाओं के फर्श को मार्बल और टाइल्सयुक्त किया जाएगा। 13346 रसोईघर में पक्के फर्श, छत एवं दीवारों की रंगाई-पुताई होगी। 88642 स्कूलों में बच्चों के पठन-पाठन के लिए फर्नीचर (डेस्क और बेंच) और 34240 स्कूलों में बाउंड्रीवाल के साथ गेट बनवाए जाएंगे। इस संबंध में प्रमुख सचिव दीपक कुमार ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजा है।
अगस्त 2022 तक स्कूलों में होंगे ये काम 6718 स्कूलों में सुरक्षित एवं स्वच्छ पेयजल, 22364 स्कूलों में पाइप वाटर / सबमर्सिबल पम्प के साथ रनिंग वाटर का इंतजाम किया जाएगा। 10270 स्कूलों में बालकों और 8724 स्कूलों में बालिकाओं के लिए क्रियाशील शौचालय, 35614 स्कूलों में बालकों और 33342 स्कूलों में बालिकाओं के लिए क्रियाशील मूत्रालय बनाए जाएंगे। इसमें टाइल्स और फ्लश सिस्टम लगाया जाएगा।
स्कूलों में मल्टीपल हैंडवाश यूनिट भी होगी। कक्षाओं में ब्लैक बोर्ड/ग्रीन बोर्ड लगाने के साथ ही विद्यालयों की रंगाई-पुताई भी कराई जाएगी। विद्यालयों में रैंप और रेलिंग का निर्माण कर वायरिंग के साथ लाइट व पंखे भी लगाए जाएंगे।