हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने निजी स्कूलों की फीस वृद्धि पर लगाई गई रोक को हटाने पर विचार का आदेश राज्य सरकार को दिया है। न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति एनके जौहरी की खंडपीठ ने एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स ऑफ उत्तर प्रदेश अध्यक्ष अतुल राय और अन्य की याचिका पर ये आदेश दिया।
याचिका में सरकार के 7 जनवरी 2022 के शासनादेश खारिज करने की मांग है। दलील है कि शासनादेश शैक्षिक संस्थानों के संवैधानिक अधिकारों का हनन कर रहा है। बुधवार सुनवाई के दौरान याचियों की ओर से दलील दी गई कि अब स्वयं सरकार ने 11 फरवरी के शासनादेश के जरिए स्कूलों को खोलने का आदेश दिया है जिसका आशय है कि हम सामान्य जीवन में लौट आए हैं। न्यायालय ने याची पक्ष की इस दलील को सही माना है। कहा कि 1 अप्रैल 2022 से नए अकादमिक सत्र की शुरूआत होनी है और इसके पहले निजी स्कूलों को फीस स्ट्रक्चर भी छापना है, इसके प्रकाशन के बाद बच्चों के माता-पिता की आपत्तियां आती हैं तो उन पर भी विचार करना है। न्यायालय ने इन टिप्पणियों के साथ कहा कि हम उम्मीद करते हैंकि सरकार शुल्क वृद्धि पर लगी रोक को हटाने पर विचार करेगी। मामले की अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी।