आधार नंबर लिंक नहीं होने के कारण प्रदेश के लाखों बच्चों की यूनिफॉर्म की राशि फंस सकती है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को दो सेट यूनिफॉर्म, स्वेटर, जूता-मोजा, बैग और स्टेशनरी के लिए 1200 रुपये राशि सीधे अभिभावक के बैंक खाते में भेजी जाती है। 2022-23 सत्र में पहले चरण में राशि भेजी जा चुकी है और दूसरे चरण की तैयारी चल रही है।
22 सितंबर तक की डीबीटी/आधार ऑथेंटिकेशन रिपोर्ट के मुताबिक 75 में से 23 जिलों में एक चौथाई बच्चों का आधार नंबर लिंक नहीं हो सका है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों, खंड शिक्षाधिकारियों और जिला समन्वयकों को ऑथेंटिकेशन रिपोर्ट भेजते हुए सभी खातों को लिंक करवाने के निर्देश दिए हैं।
बलरामपुर-कन्नौज में सर्वाधिक काम पिछड़ा
डीबीटी/आधार ऑथेंटिकेशन में सबसे खराब रिपोर्ट बलरामपुर और कन्नौज की है। बलरामपुर में पंजीकृत 2,88,636 बच्चों में से 34.5 प्रतिशत जबकि कन्नौज में पंजीकृत 1,76,362 छात्र-छात्राओं में से 34.7 फीसदी का आधार लिंक नहीं हुआ है। बहराइच में 26.8 फीसदी, हरदोई में 26.2, जौनपुर 25.8, आजमगढ़ 28.4, गोरखपुर 25.8, गाजीपुर 27.1, सिद्धार्थनगर 27.1, उन्नाव 29.6, बलिया 27.3, कानपुर नगर 29.7, कानपुर देहात 28.5, श्रावस्ती 26.4, मथुरा 25.7, मऊ 25.6, मैनपुरी 27.4, एटा 25.5, मेरठ 25.8, जालौन 26.6, औरैया 25.6, गाजियाबाद 29, बागपत में 27.6 प्रतिशत बच्चों का आधार सत्यापित नहीं हुआ है।