अजब-गजब: मतदान में ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों का वेतन काटने के निर्देश, पढ़े पूरी खबर

शिक्षा विभाग

किसी की सरकार Government आए या जाए लेकिन यहां कुछ सरकारी मानव तो सुधरने वाले हैं नहीं। इन्हें तो नींद में ही अपना कार्यकाल पूरा करना है। इसका ताजा उदाहरण देख लीजिए, विधानसभा चुनाव Election संपन्न कराने के लिए जिन कर्मचारियों ने पहले प्रशिक्षण training लिया, इसके बाद पीठासीन अधिकारी, मतदान कार्मिक आदि की जिम्मेदारी निभाकर चुनाव संपन्न कराया। कर्मचारियों का नाम लापरवाह व नदारद रहने वाले कर्मचारियों की सूची में दर्ज कर लिया गया और उन्हें नोटिस भेजकर वेतन Vetan काटने के निर्देश भी जारी कर दिए गए। अब ये सभी पीड़ित कार्रवाई से अपना बचाव करने के लिए विकास भवन के चक्कर पे चक्कर काट रहे हैं।

राजकीय इंटर कालेज मेरठ में तैनात शिक्षक Teacher नवीन सिरोही ने मतदान कराने के लिए पहले प्रशिक्षण प्राप्त किया और बाद में पीठासीन अधिकारी की जिम्मेदारी का निर्वाह कर मतदान की प्रक्रिया अपने बूथ पर पूर्ण कराई। लेकिन उनका नाम गायब रहने वाले कर्मियों की सूची में दर्ज कर उन्हें नोटिस जारी कर दिया गया। साथ ही एक दिन के वेतन पर रोक लगाकर स्पष्टीकरण भी तलब कर लिया गया। ऐसे ही इसी कालेज के दूसरे शिक्षक त्रिशांक चौधरी ने भी चुनाव संपन्न कराने के लिए प्रशिक्षण प्राप्त किया। लेकिन ड्यूटी Duty लगाने के दौरान उनका नाम चुनाव कराने वाले कर्मियों में शामिल नहीं किया गया। अब उनका भी वेतन रोक कर नोटिस जारी किया गया है। ऐसे ही कई विभागों के अधिकारी व कर्मचारी हैं, जिन्होंने चुनाव संपन्न कराने के लिए जिम्मेदारी निभाई। लेकिन जिम्मेदार कुछ सरकारी मानवों की गलती से उनका नाम लापरवाही बरतने व गायब रहने वालों की सूची में दर्ज कर नोटिस जारी कर दिया गया।

इससे भी मजेदार बात यह है कि सीडीओ शशांक चौधरी का कहना है कि हो सकता है गलती से ड्यूटी करने वालों को नोटिस जारी हो गया है। ऐसे लोगों पर कार्रवाई नहीं की जाएगी।