अध्यापकों के न आने से पढ़ाई प्रभावित, पद भी नहीं हो पा रहा खाली
● बेसिक शिक्षा अधिकारी बदल गए मगर इन शिक्षकों की सेवाएं समाप्त नहीं हुईं
बरेली। बेसिक शिक्षा विभाग के नौ शिक्षक- शिक्षिकाएं वर्षों से स्कूल से गायब चल रहे हैं। इनमें से एक शिक्षिका तो शादी कर अमेरिका चली गई तो कुछ बिना छुट्टी स्वीकृत हुए ही वर्षों से स्कूल नहीं आए हैं। इस दौरान कई बेसिक शिक्षा अधिकारी बदल गए मगर इन शिक्षकों की सेवाएं समाप्त नहीं की गई हैं।
जिले में नौ शिक्षक ऐसे भी हैं जिन्होंने बरसों बरस बीत जाने के बाद भी अपने स्कूल के दर्शन नहीं किए हैं। छात्र इन शिक्षकों का चेहरा भी नहीं पहचान पाते हैं। इनमें से किसी ने बीमारी के नाम पर तो किसी ने अपने बच्चे के पालन पोषण के नाम पर अवकाश ले लिया। एक बार अवकाश स्वीकृत होने के बाद दोबारा फिर प्रार्थना पत्र दिया गया। छुट्टी स्वीकृत नहीं होने के बाद भी इन लोगों ने फिर से ज्वाइन नहीं किया। बार-बार नोटिस देने के बाद भी जवाब नहीं दिया। अंतिम नोटिस पर कुछ लोग बीएसए दफ्तर तक आये और फिर गायब हो गए। शिक्षकों के न आने से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। वहीं उनके पद भी रिक्त नहीं हो पा रहे हैं। यदि सेवा समाप्त हो जाए तो उनके स्थान पर किसी अन्य शिक्षक को भेजा जा सकता है।
परेवा सादात वर्ष 2009 से स्कूल नहीं आई नीलम
नवाबगंज ब्लॉक के उच्च प्राथमिक स्कूल परेवा सादात की सहायक अध्यापिका नीलम गंगवार वर्ष 2009 से निरंतर अनुपस्थित हैं। 10 जून 2020 को निर्धारित सुनवाई में उपस्थित होकर उन्होंने पारिवारिक परिस्थितियों का उल्लेख करते हुए दोबारा कार्यभार ग्रहण करने का अनुरोध किया था। हालांकि उनके सम्बन्ध में विभागीय आदेशों के प्रति लापरवाही बरतने के कारण सेवा समाप्ति संबंधित कार्यवाही प्रस्तावित की गई थी। यह दूसरी बात है कि उनकी सेवा अभी तक समाप्त नहीं हुई है।
रूपपुर छुट्टी स्वीकृत ही नही ं, 2016 से गायब हैं
बहेड़ी ब्लॉक के प्राथमिक स्कूल रूपपुर की सहायक अध्यापिका अनामिका सक्सेना 23 जनवरी 2016 से 18 मई 16 तक अवैतनिक अवकाश पर रही। इसके बाद उन्होंने 7 जुलाई16 से 10 अप्रैल 17 तक अवैतनिक अवकाश के लिए फिर से प्रार्थना पत्र दिया। पारिवारिक कारणों से 11 अप्रैल 17 से 11 अक्टूबर 2019 तक उन्होंने एक बार फिर अवैतनिक अवकाश मांगा। अवैतनिक अवकाश स्वीकृत हुए बिना ही वह स्कूल से गायब रहीं। इसलिए उनका वेतन भी अवरुद्ध किया गया था।
छुट्टी स्वीकृत हुए बिना ही अध्यापक हो गए गायब
स्थायी सरकारी सेवक को अवैतनिक अवकाश या असाधारण अवकाश किसी एक समय में मूल नियम 18 के उपबन्धों के अधीन अधिकतम 5 वर्ष तक की अवधि के लिए स्वीकृत किया जा सकता है। बरेली के गायब शिक्षकों ने इस सीमा को भी पार कर दिया। वहीं कुछ ने बीच में आकर स्कूल ज्वाइन किया और कुछ दिन नौकरी कर फिर से बिना छुट्टी स्वीकृत हुए ही चले गए।
ठिरिया 2011 में बेटी के पालन को छुट्टी ले गायब
उ. प्रा. विद्यालय ठिरिया निजावत खां में सहायक अध्यापिका लक्ष्मी सक्सेना 18 अक्टूबर 11 से स्कूल से गायब हैं। 2019 में उन्होंने प्रार्थना पत्र दे कहा था, बेटी के पालन पोषण को बिना वेतन का अवकाश लिया था। अब बेटी बड़ी हो गई है और अपने दैनिक कार्य करने में सक्षम है। पुन कार्यभार ग्रहण करने संबंधी अनुरोध के बाद भी वो अपना पक्ष रखने बीएसए दफ्तर नहीं आई।
वलीनगर 2014 से स्कूल में पढ़ाने नहीं आईं रीना
नवाबगंज के वलीनगर स्कूल की सहायक अध्यापिका रीना गंगवार ने भी 2020 में स्पष्टीकरण दिया था। उन्होंने पारिवारिक परिस्थितियों के कारण स्कूल से अनुपस्थित रहने की बात कही थी। जांच में पता चला कि 1 अगस्त14 से 28 अगस्त 14 तक बीमार रहने के बाद उन्होंने विभाग को अपनी उपस्थिति के संबंध में कोई सूचना नहीं दी। 2014 के बाद से उनका विभाग से पत्राचार नहीं हुआ।
मगरी नवादा ऑपरेशन के बाद से ज्वाइन नहीं
दमखोदा ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय मगरी नवादा की सहायक अध्यापिका राकेश कुमार को वर्ष 2020 में नोटिस जारी किया गया था। उन्होंने आंख की सर्जरी के लिए 2018 व 2019 में छुट्टी ली थी। उन्होंने दोबारा ज्वाइन कराने के संबंध में प्रार्थना पत्र भी दिया था मगर अभी तक जांच की कार्यवाही पूरी ना होने के कारण ज्वाइनिंग नहीं हो पाई है।
मलगांव 2009 से छुट्टी पर हैं रेखा
आलमपुर के उत्तर प्राथमिक विद्यालय मलगांव में सहायक अध्यापिका रेखा पांडे बिना सूचना के अनुपस्थित हैं। नोटिस पर उन्होंने अपनी पत्र व्यवहार पंजिका में 2 अप्रैल 2009 के अवैतनिक अवकाश अंकित होने की बात कही। हालांकि उनका यह अवकाश बिना स्वीकृति के बाद में पाया गया। बहरहाल 2009 से ही उन्होंने स्कूल ज्वाइन नहीं किया है।
सिमरा केशोपुर शिक्षिका शैली पति के साथ हैं अमेरिका में
ब्लॉक भुता के प्राथमिक विद्यालय सिमरा केशोपुर की सहायक अध्यापिका शैली अग्रवाल अपने पति के साथ अमेरिका में हैं। बार-बार नोटिस जाने के बाद उन्होंने विभाग को बताया कि विभाग से स्वीकृत अवैतनिक अवकाश के अंतर्गत 17 नवंबर 2015 से 16 मई 2016 तक और फिर 17 मई 2016 से 16 मई 2017 तक विद्यालय में कार्यभार ग्रहण नहीं किया। उन्होंने 4 महीने का अवैतनिक अवकाश और स्वीकृत करने की मांग करते हुए जुलाई 2019 में स्कूल जॉइन करने की बात कही थी। हालांकि उन्होंने इसके बाद भी स्कूल ज्वाइन नहीं किया है।
लंबे समय से अनुपस्थित चल रहे नौ शिक्षकों के संबंध में अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रस्तावित है। सभी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है। त्रि-सदस्यीय जांच कमेटी इन प्रकरणों की जांच भी पूरी कर चुकी है। जल्द ही नियमानुसार एक्शन लिया जाएगा।
– विनय कुमार, बीएसए