कर्मचारी पेंशन योजना में सुप्रीम कोर्ट के में फैसले पर विचार कर रही सरकार

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सरकार ने कहा कि वह कर्मचारी पेंशन (संशोधन) योजना, 2014 को सही ठहराने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर विचार कर रही है। इसी योजना के तहत कर्मियों को बढ़ी हुई पेंशन कवरेज का विकल्प चुनने के लिए चार माह का समय दिया था। यानी वह पेंशन के लिए अपने वेतन से अपना योगदान बढ़ाने का विकल्प चुन सकते थे।

श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री रामेश्वर तेली ने राज्यसभा में बताया कि सरकार पेंशन मामले में सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों पर विचार कर रही है। केंद्रीय मंत्री से पूछा गया था कि क्या सरकार ईपीएफ पेंशन योजना पर सुप्रीम कोर्ट के चार नवंबर के फैसले से वाकिफ है। वह कब इस फैसले को लागू करेगी और ईपीएफओ को ऊंची दरों पर पेंशन देने के फैसले पर कार्रवाई करेगी। एक अन्य जवाब में तेली ने बताया कि अदालत के फैसले के कानूनी, वित्तीय और व्यवस्थागत प्रभाव हैं। इस योजना के जरिये योग्य कर्मचारी बढ़ी हुई पेंशन का विकल्प चुन सकता है। ईपीएस-95 के सदस्यों में शामिल कर्मचारी एक सितंबर, 2014 को 15 हजार प्रति माह के पेंशनयोग्य वेतन की सीमा पर अपनी अंशधारिता 8.33% देने के बजाय पूरे वेतन पर 8.33% की अंशधारिता का विकल्प चुन सकता है।