पुरानी और नई पेंशन पर दस बड़े अंतर, जानिए किस पेंशन में आपको कौन सा लाभ मिलता है एवं कौन सी पेंशन लाभदायक है, डिटेल्स
अटेवा के मुताबिक OPS और NPS में 10 बड़े अंतर-
1 – OPS में पेंशन के लिए वेतन से कोई कटौती नहीं होती है, जबकि NPS में वेतन से 10% (बेसिक+डीए) Basic+ DA की कटौती होती है.
2 – OPS में GPF (Government Provident Fund) की सुविधा है, जबकि NPS में यह सुविधा नहीं है.
3 – OPS एक सुरक्षित पेंशन योजना है यानी इसका भुगतान सरकार द्वारा ट्रेजरी के माध्यम से होता है, लेकिन NPS शेयर बाजार आधारित है यानि शेयर मार्केट के बढ़त और घाटे के आधार पर भुगतान किया जाता है.
4 – OPS में रिटायरमेंट के समय निश्चित पेंशन, जो अंतिम मूल वेतन का 50 फीसदी होता है वह मिलता है… जबकि NPS में रिटायरमेंट के समय निश्चित पेंशन की कोई गारंटी नहीं है.
5 – OPS में 6 महीने के बाद मिलने वाला महंगाई भत्ता (DA) लागू होता है, जबकि NPS में 6 महीने के बाद मिलने वाला महंगाई भत्ता लागू नहीं होता है.
6 – OPS में रिटायरमेंट Recruitment के बाद 20 लाख रुपये तक ग्रेच्युटी मिलती है, जबकि NPS में रिटायरमेंट के समय ग्रेच्युटी का अस्थायी प्रावधान है. साथ ही OPS में सेवा के दौरान मौत होने पर फैमिली पेंशन का प्रावधान है, जबकि NPS एनपीएस में सेवा के दौरान मौत होने पर फैमिली पेंशन का प्रावधान है, लेकिन NPS के तहत जमा पैसे को सरकार जब्त कर लेती है.
7 – OPS में रिटायरमेंट पर GPF के ब्याज पर किसी प्रकार का इनकम टैक्स नहीं लगता है, जबकि NPS में रिटायरमेंट Recruitment पर शेयर बाजार के आधार पर जो पैसा मिलेगा, उस पर टैक्स देना पड़ेगा.
8 – OPS में Recruitment रिटायरमेंट के समय पेंशन Pension प्राप्ति के लिए GPF से किसी प्रकार का इनवेस्ट नहीं करना पड़ता है, जबकि NPS में रिटायरमेंट के समय पेंशन प्राप्ति के लिए NPS फंड Fund से 40 फीसदी पैसा इन्वेस्ट करना पड़ता है.
9 – OPS में 40 फीसदी पेंशन कम्यूटेशन का प्रावधान है, जबकि NPS में यह प्रावधान नहीं है.
10 – OPS में रिटायरमेंट Recruitment के बाद मेडिकल फैसिलिटी (FMA) है, लेकिन NPS में इसका स्पष्ट प्रावधान नहीं है.