आगरा। शैक्षणिक सत्र समापन की ओर है। अभी तक परिषदीय स्कूलों के सभी विद्यार्थियों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के तहत यूनिफॉर्म, स्वेटर, जूते-मोजे और स्कूल बैग के लिए धनराशि नहीं मिल पाई है। अभिभावकों के खाते में 1100 रुपये भेजे जाने हैं। 1700 विद्यार्थियों का डाटा संदिग्ध होने से उनका प्रकरण लटका हुआ है। बीएसए की ओर से सभी खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। 19 फरवरी तक प्रकरणों का निस्तारण करने के निर्देश दिए हैं। दूसरी ओर विद्यार्थियों का डाटा रोकने पर 85 शिक्षकों को भी नोटिस जारी किया गया है।
बीएसए सतीश कुमार ने बताया कि 1700 संदिग्ध डाटा में दो तरह के मामले हैं। पहला एक अभिभावक के पांच से छह विद्यार्थी दिख रहे हैं। खंड शिक्षा अधिकारियों को इसे शिक्षकों के माध्यम से सत्यापित करना है। यदि संख्या सही तो उसे पोर्टल पर फीड कराना है, यदि गलत है तो हटाना है। किसी की आधार संख्या सही नहीं है तो दोबारा लिया जाना है। जबकि कुछ विद्यार्थी ऐसे हैं, जिनके दो-दो ब्लाकों के स्कूलों में नाम हैं। आपस में बात करके यह पता किया जाना है वास्तविक रूप से विद्यार्थी कहां पंजीकृत हैं। एक जगह से उसका नाम हटाया जाना है। इस काम में देरी करने पर खंड शिक्षा अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस दिया गया है।
ीएसए ने बताया कि शिक्षकों ने विद्यार्थियों का डाटा रोक रखा है। इनको भी सत्यापित करके निस्तारित करना है। जिन विद्यार्थियों का वास्तविक रूप से स्कूलों में पंजीकरण है, उनको फीड कराया जाना है। इस काम में देरी करने वाले 85 शिक्षकों को शुक्रवार को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। कुछ और शिक्षकों को शनिवार को नोटिस जारी किया जाएगा। शिक्षकों को तत्काल काम पूरा करने का निर्देश दिया गया है। जिससे डीबीटी की धनराशि विद्यार्थियों के अभिभावकों के खाते में भेजी जा सके।जिले में करीब 21000 अभिभावकों का बैंक खाता सक्रिय (सीडेड) नहीं है। इसकी जिम्मेदारी बैंकर्स को दी गई है। मुख्य विकास अधिकारी की ओर से बैंकों को पत्र जारी किया गया है।