परिषदीय स्कूलों में बच्चों को रोकने के लिए अब एनजीओ से लेंगे मदद , जानें क्या है माजरा

शिक्षा विभाग

प्रयागराज: बेसिक शिक्षा विभाग में एनजीओ (गैर सरकारी संगठन) का हस्तक्षेप बढ़ता जा रहा है। अब परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में बच्चों के नामांकन और ठहराव में भी एनजीओ की मदद ली जाएगी। फाउंडेशन टू एजुकेट गर्ल्स ग्लोबली संस्थान मिशन शक्ति और शारदा अभियान के तहत नामांकन, बच्चों के ठहराव, शिक्षण अधिगम को बेहतर बनाने और लैंगिक समानता आदि बिंदुओं पर सहयोग प्रदान करेगा।

बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण कुमार तिवारी ने सभी खंड शिक्षाधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। यह संस्था कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में बालिकाओं के नामांकन में सहयोग करने के साथ ही जिले में आउट ऑफ स्कूल बालिकाओं को चिह्नित करते हुए उनका नामांकन सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा।
नामांकित छात्राओं का विद्यालय में ठहराव तथा कक्षावार लर्निंग आउटकम के अनुसार अपेक्षित शैक्षिक उपलब्धि को बढ़ाने के लिए निर्धारित गतिविधियों को संचालित करेगा। कक्षा 3 से 5 तक के बच्चों का ‘ज्ञान का पिटारा टूल्स (रेमेडियल लर्निंग किट) के माध्यम से अंग्रेजी, हिंदी, गणित विषय के लिए कार्यपुस्तिका एवं सामग्रियां उपलब्ध कराते हुए बच्चों में शिक्षण को बेहतर बनाने में सहयोग करेगा।
खास-खास
कस्तूरबा विद्यालयों के शिक्षकों को जीवन कौशल का प्रशिक्षण देगा एनजीओ।
बालिका शिक्षा से संबंधित योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए रात्रि चौपाल, नुक्कड़ नाटक आदि का समुदाय में आयोजन।
परिषदीय विद्यालयों में बाल सभा का गठन कर बालिकाओं में नेतृत्त्व क्षमता का विकास करेंगे।
समुदाय में कम्युनिटी बेस्ड लर्निंग प्रोग्राम के माध्यम से बालिक-बालिकाओं को जोड़ने का प्रयास करेंगे।