मानदेय रिकवरी के हुए आदेश, 17 साल से कार्यरत दो शिक्षामित्रों की सेवा समाप्त, जानिए क्या है पूरा मामला

शिक्षा विभाग

शामली। अमान्य बोर्ड के शैक्षिक दस्तावेज पाए जाने पर प्राथमिक विद्यालयों में करीब 17 साल से कार्यरत दो शिक्षामित्रों की मानदेय आधारित सेवा समाप्त कर दी गई है। डीएम जसजीत कौर ने बीएसए को दोनों शिक्षामित्रों से भुगतान किए गए मानदेय की रिकवरी करने और उनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।

कलक्ट्रेट में सोमवार शाम को डीएम जसजीत कौर की अध्यक्षता में जनपदीय समिति की बैठक हुई। जिसमें जिला पंचायत राज अधिकारी नंदलाल, बीएसए राहुल मिश्रा, बीएसए कार्यालय के लेखाधिकारी मौजूद रहे। बीएसए ने बताया कि शासन के निर्देश पर 2021 में ऊन और शामली ब्लॉक के परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत मानदेय आधारित सभी शिक्षामित्रों और अंशकालिक अनुदेशकों के शैक्षिक अभिलेखों और अन्य अभिलेखों का सत्यापन कराया गया था। ऊन ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय सिरसागढ़ में कार्यरत शिक्षामित्र जुल्फिकार को हाईस्कूल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन मध्य भारत ग्वालियर से वर्ष 2002 में उत्तीर्ण करना पाया गया। इंटरमीडिएट 2002 में मध्यमा हिंदी साहित्य सम्मेलन इलाहाबाद से की गई।

इसके अलावा शामली ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय सोंटा में कार्यरत अतीश चौधरी ने हाईस्कूल बोर्ड ऑफ हायर सेकेंडरी एजुकेशन दिल्ली से 2002 में उत्तीर्ण की। बीएसए ने बताया कि दोनों शिक्षामित्रों के शैक्षिक दस्तावेज जिस बोर्ड से संबंधित हैं, वह मान्य बोर्ड की सूची में नहीं है। पिछले साल एक मार्च 2021 को हुई जिला चयन समिति की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार दोनों शिक्षामित्रों की सेवा समाप्त करने और भुगतान किए गए मानदेय की रिकवरी के लिए उन्हें तीन नोटिस भेजे गए, लेकिन शिक्षामित्रों ने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया और विद्यालय में भी उपस्थित नहीं हुए। तब से उनके मानदेय का भुगतान भी नहीं किया जा रहा है।

इस प्रकरण में जनपदीय समिति ने सर्वसम्मति से दोनों शिक्षामित्रों की मानदेय आधारित सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त करने का निर्णय लिया। डीएम जसजीत कौर ने बीएसए को दोनों शिक्षामित्रों की सेवा समाप्त करने के साथ ही उनको भुगतान किए गए मानदेय की रिकवरी कर उनके विरुद्ध नियमानुसार एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।