आजमगढ़ जिले में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की सुचिता भंग करने के मामले को लेकर शासन ने बड़ी कार्रवाई की है। इस मामले को लेकर जिलाधिकारी की संस्तुति पर शासन ने जिला विद्यालय निरीक्षक आजमगढ़ को निलंबित कर दिया है।
इस कार्रवाई को लेकर शिक्षा विभाग से जुड़े लोगों में हड़कंप मचा है। जिलाधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि इस मामले में संलिप्त सभी लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। यूपी टेट परीक्षा 23 जनवरी को आयोजित हुई थी। जिले में इस परीक्षा की सुचिता भंग करने का बड़ा प्रयास हुआ था।
अमर उजाला ने 23 जनवरी को ही इस परीक्षा में नकल माफियाओं की संलिप्तता को उजागर किया था। 23 जनवरी को परीक्षा की समाप्ति के बाद पुलिस ने बड़ा खुलासा किया और 51 लाख रुपये से अधिक के चेक व नगद बरामदी के साथ ही 22 लोगों के गिरफ्तारी का दावा किया।इनकी हो चुकी है गिरफ्तारीगिरफ्तार किए गए लोगों में वेद प्रकाश यादव, सूर्यप्रकाश यादव, देवेंद्र यादव, सहर्ष राय उर्फ गोल्डी राय, धर्मेंद्र यादव, हरेंद्र यादव, धर्मेंद्र उर्फ बब्लू्, कमलेश कुमार, तारा सिंह पटेल, प्रशांत राय, इंद्रेश यादव, हरेंद्र यादव, अरविनंद कुमार यादव, नीरज कुमार सक्सेना, रविंद्र यादव, सारिक जावेद, जितेंद्र सिंह, अर्शी पत्नी सारिक जावेद, साजिदा पत्नी जफर खान, नाजिया पत्नी मुकर्रम अली, जफर खान व अरविंद गुप्ता शामिल है।
इनमें एक डीआईओएस कार्यालय का बाबू के अलावा विभिन्न स्कूलों के प्रबंधक व कर्मचारी शामिल थे। इसके अलावा आठ अभियुक्त मुकेश राय, सुनील कुमार यादव, तुषार सिंह, धीरज राय, धर्मेंद्र, अनंत कुमार, सिकंदर यादव व जगजीवन फरार घोषित किए गए थे।जमानत के लिए हाईकोर्ट की ली थी शरणवहीं जिलाधिकारी ने इस मामले में ब्यास के खिलाफ भी निलंबन की संस्तुति कर शासन को भेजी थी। जिलाधिकारी अमृत त्रिपाठी ने बताया कि शासन के निर्देश पर जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ बीके शर्मा को निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार लोगों ने जमानत के लिए हाईकोर्ट की शरण ली थी लेकिन सभी की जमानत अर्जी खारिज कर दी गई है।
वहीं विवेचक सीओ लालगंज ने गिरफ्तार सभी अभियुक्तों की रिमांड मांगी थी, जिसे न्यायालय ने स्वीकृत कर लिया है और सभी गिरफ्तार अभियुक्तों को 14 की रिमांड पर पुलिस को सौंप दिया है। ऐसे में पुलिस अब इन अभियुक्तों को जेल से लाकर कड़ाई से पूछताछ करेगी। जिसमें नकल माफिया गैंग के कुछ और लोगों के नामों का भी खुलासा हो सकता है। कुछ और विद्यालयों के प्रबंधकों के अलावा डीआईओएस कार्यालय के लोग भी शामिल हो सकते है।