लखनऊ,। यूपी में योगी सरकार का शपथ ग्रहण 25 मार्च को होना है, मगर टीम योगी में शामिल होने वाले चेहरों को लेकर सस्पेंस बरकरार है। हालांकि 2024 को ध्यान में रखकर बनाई जा रही इस टीम में युवा जोश और अनुभव का समावेश दिखेगा। वहीं कई बड़े चेहरे मंत्रिमंडल से बाहर रह सकते हैं। ऐसे में कई विभागों को नये मुखिया मिलना तय माना जा रहा है। उधर, पार्टी ने सभी विधायकों को बुधवार की शाम 4 बजे तक लखनऊ पहुंचने को कहा है।
आगामी लोकसभा चुनावों का असर योगी मंत्रिमंडल पर भी सीधे तौर पर दिखेगा। मंत्रिमंडल का आकार इसीलिए बड़ा रखा जा रहा है ताकि सरकार बनने के साथ ही मिशन-2022 पर काम जोर-शोर से शुरू किया जा सके। पार्टी सूत्रों की मानें तो एकाध चेहरे की भूमिका बदले जाने के साथ ही कई चेहरों को मंत्रिमंडल से बाहर रखा जाएगा। कल्याण से जुड़े विभाग में यह बदलाव देखने को मिल सकता है। खेत-खलिहान, दूध-दही से जुड़े विभाग हों या पढ़ाई-लिखाई वाला महकमा, हर तरफ ऐसी ही चर्चाएं हैं। कई मंत्रियों के बाहर रहने के पीछे उनका पिछला प्रदर्शन है। इनमें कुछ से योगी तो कुछ से दिल्ली दरबार खुश नहीं था।
स्वतंत्रदेव की भूमिका बदलने की संभावना : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह के सरकार में और उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा के संगठन में जाने की संभावना है। उपमुख्यमंत्री पद को लेकर अंतिम फैसला तो 24 मार्च को होगा लेकिन फिलहाल केशव प्रसाद मौर्य के दोबारा उप मुख्यमंत्री बनने की संभावना है। यूं तो भाजपा नेतृत्व अक्सर अपने फैसलों से चौंकाता रहा है। मगर उत्तराखंड में धामी की ताजपोशी से पार्टी के प्रमुख पिछड़े चेहरे माने जाने वाले केशव की वापसी भी होने की संभावना है। योगी मंत्रिमंडल में इस बार महिला चेहरों की संख्या बढ़ना भी तय है। दरअसल, 2014, 2017, 2019 और 2022 में भाजपा को मिली सफलता में महिलाओं का खासा योगदान है। पार्टी अपने इस साइलेंट वोटबैंक को 2024 के लिए भी बांधे रखना चाहती है।