वाराणसी : नए सत्र में बच्चों के प्रवेश को लेकर अभिभावकों की दौड़ शुरू हो गई है। कई स्कूलों में परीक्षा परिणाम भी आ चुके हैं। अभिभावकों को किताबों की सूची भी दी जा रही है। अब बच्चों के बस्ते का बोझ भी अभिभावकों की जेब पर पड़ने वाला है। कॉपी-किताबों की कीमतों में पिछले वर्ष के मुकाबले 20 फीसदी की वृद्धि हुई है। इस माह के अंत में जब अभिभावक खरीदारी करेंगे तो उन्हें पहले से ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ेगी।
नए सत्र के लिए कई स्कूलों ने किताबों की लिस्ट जारी कर दी है, तो कई स्कूलों में जारी होनी वाली है। कुछ स्कूलों ने एडवांस में किताबों व स्टेशनरी के ऑर्डर दे दिए हैं। अधिक तर स्कूल कैंपस या फिर किसी विशेष दुकान से ही कॉपी-किताब खरीदने के अभिभावकों को निर्देश देते हैं। दुकानदारों के मुताबिक, यहां से खरीदारी करने पर अभिभावकों को 10 से 15 प्रतिशत की छूट दी जाती है, लेकिन स्कूल प्रशासन की तरह से सेट दुकान से अभिभावकों को किसी भी प्रकार की छूट नहीं मिलती है। सिगरा स्थित स्कूल ड्रेस व्यापारी शोभित अग्रवाल बताते हैं कि बच्चों के स्कूल यूनिफॉर्म की कीमतों में इस बार पांच से 10 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है
फीस बढ़ने से पहले ही परेशान हैं अभिभावककॉपी किताबों की कीमत में वृद्धि से अभिभावकों पर दोहरी मार पड़ेगी। कोरोना काल में शासन के निर्देश के बाद भी कई निजी स्कूलों ने फीस में बढ़ोतरी की थी। नया सत्र शुरू होने के साथ अभिभावकों को फीस बढ़ोतरी का भी डर सताने लगा है। ट्रांसपोर्ट, परीक्षा शुल्क, कंप्यूटर फीस, स्मार्ट क्लास, समेत अन्य मदों में बढ़ोतरी के चलते अभिभावकों पर अच्छा खासा बोझ पड़ेगा। ऐसे में अभिभावकों का बजट बिगड़ना तय है।कॉपी-किताब की कीमतेंकक्षा कीमतें (हजार में)प्री प्राइमरी ढाई से साढ़े तीन हजारएक से पांच चार से साढ़े पांच हजारछह से आठ पांच से सात हजारनौ से दस सात से आठ हजारग्यारह से बारह आठ से नौ हजार