पीलीभीत: नाटक के जरिए सामाजिक कुरीतियों पर प्रहार
पीलीभीत : बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षक बच्चों को शिक्षा देने के साथ ही समाज में फैली सामाजिक कुरीतियों को नाटक के माध्यम से दूर करने काम कर रहे हैं। बेसिक शिक्षा विभाग की इन प्रतिभाओं को यदि सही मंच मिले तो इन प्रतिभाओं को भी निखार आ सकता है पर तराई. की बेल्ट में रंगमंच का कोई स्कोप न होने की वजह से प्रतिभाएं उतनी नहीं निखर पा रहीं, जितनी इनमें अभिनय क्षमता है लेकिन फिर भी समाज के लिए ये बड़ा काम कर रही है। 27 मार्च को विश्व रंग मंच दिवस मनाया जाता है।
शिक्षा विभाग की शिक्षिका निधी मिश्रा, अनीता तिवारी, शागुफ्ता परवीन और मेहनूर समाज में फैली कुरीतियों को मिटाने के लिए नाटक करती हैं। निधी मिश्रा ने बताया कि उन्होंने एक सच्ची घटना तेजाब पीड़िता लक्ष्मी की कहानी पर नाटक किया था। यहां मंचन गांधी भवन में हुआ था। जिसमें तत्कालीन जिलाधिकारी अखिलेश मिश्रा ने बहुत सरहा था। उन्होंने बताया कि इस लक्ष्मी पर जो नाटक का मंचन किया उसके कहानी और संवाद उन्होंने लिखे थे। इसमें लक्ष्मी का किरदार अनीता तिवारी ने किया था। सहेली का रोल शागुफता परवीन ने निभाया था । श्रेष्ठ सह अभिनेत्री का निधी को मिल चुका पुरस्कार : निधी मिश्रा ने बताया कि उन्हें नाटक करने का शौक था। बनारस में पढ़ाई करते करते समय कालेज में रंगमंच से जुड़ गई। वहां हर साल डा गोकुल चंद्र गांगुली की स्मृति में अखिल भारतीय हिंदी लघु नाटक प्रतियोगिता का आयोजन होता है। 2002 में एक हिंदी लघु नाटक में उन्होंने अभिनय किया था। उन्हें श्रेष्ठ सह अभिनेत्री का पुरस्कार मिला था ।
कालेज के समय से ही अभिनय करने का शौक था। तेजाब पीड़िता की सच्ची घटना पर एक नाटक लिखा था उसके बाद नाटक का मंचन किया था। बनारस में लघु नाटिका में श्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का पुरस्कार मिल था। निधी मिश्रा, शिक्षिका