स्कूल के समय में बदलाव बच्चों को मिली तपिश से राहत

शिक्षा विभाग

पीलीभीत, संवाददाता। जून में पड़ने वाली गर्मी का अहसास होने के बाद परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के खुलने के समय में बदलाव कर दिया गया। समय में बदलाव होने के बाद पहले दिन स्कूल पहुंचने छात्र-छात्राओं के चेहरे पर खुशी के भाव नजर आए। धूप से बचते हुए स्कूल पहुंच गए और तेज धूप होने से पहले ही घर को पहुंच गए। ये बच्चों के स्वास्थ्य के लिए बेहतर निर्णय बताया जा रहा है।

पहले दिन सुकून में पढ़ाई करते रहे बच्चे: नगर क्षेत्र के उच्च प्राथमिक विद्यालय शेर मोहम्मद स्कूल में बच्चे अपने-अपने कक्षों में पढ़ाई करते नजर आए। स्कूल में कक्षा एक से आठ तक में कुल 156 बच्चे पंजीकृत हैं। स्कूल समय में बदलाव होने के बाद 75 बच्चे उपस्थित हुए। इसके पीछे त्योहारी सीजन को माना जा रहा है। प्रधानाध्यापक मोहम्मद लतीफुर्रहमान कहते हैं कि घर-घर जाकर बच्चों को एडमीशन करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। बच्चों को सिलेबस अनुरूप पढ़ाया जा रहा है।

ध्यान से पढ़ाई करते रहे छात्र-छात्राएं

बरखेड़ा। प्राथमिक विद्यालय बकैनिया दीक्षित में पहले दिन साढ़े सात बजे से साढ़े 12 बजे तक बच्चों ने पढ़ाई की। 121 में 64 बच्चे उपस्थित हुए। स्कूल को समय सारिणी के अनुरूप संचालित किया जा रहा है। प्रधानाध्यापक लालाराम गंगवार ने बच्चों को खेल खेल में पढ़ाई के तरीकों के बारे में बताया। बच्चो को रंगों का ज्ञान कराया गया, जिसमें बच्चों ने खूब आनंद उठाया।

स्कूल के समय में बदलाव बच्चों को मिली तपिश से राहत
उच्च प्राथमिक विद्यालय टाह में बच्चे की कापी को चेक करती शिक्षिका।
स्कूल के समय में बदलाव बच्चों को मिली तपिश से राहत
प्राथमिक विद्यालय पिपरिया अगरू में बच्चों को पढ़ाती शिक्षिका।

चेक हुईं कापियां

मरौरी ब्लाक क्षेत्र के उच्च प्राथमिक विद्यालय टाह में कुल 327 बच्चे नामांकित हैं। 57 नए बच्चों ने अलग-अलग कक्षाओं में प्रवेश लिया है। नए समय पर स्कूल खुलने के बाद पहले दिन 101 बच्चे उपस्थिति हुए है। प्रधानाध्यापक अजय कुमार का कहना है कि बच्चों की उपस्थिति पर जोर दिया जा रहा है।

नये समय से खोला स्कूल

पहले आठ बजे से दो बजे तक स्कूल होता था। पहले दिन सुबह साढ़े सात बजे से साढ़े बारह बजे तक स्कूल खुला। सबसे पहले प्रार्थना हुई।प्रधानाध्यापक सैय्यदा कहती हैं कि नए समय पर स्कूल खोला गया है। विभागीय कार्य निपटाने के लिए शिक्षक, अनुदेशक, शिक्षामित्रों को डेढ़ बजे तक रुकना है। स्कूल में 168 के मुकाबले 96 बच्चे उपस्थित रहे।