परिषदीय स्कूलों में कनेक्शन नहीं है, लेकिन लाखों रुपये का बिल आ रहा है। बिजली विभाग की उदासीनता या ग्राम पंचायत की लापरवाही। कई सरकारी स्कूलों में कनेक्शन नहीं होने से गर्मी में बच्चों संग शिक्षकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
जिले में परिषदीय विद्यालयों की संख्या 892 हैं। जिसमें ढाई सौ कंपोजिट, 630 प्राथमिक और 145 उच्च प्राथमिक विद्यालय मौजूद हैं। अधिकांश विद्यालयों में विद्युतीकरण कराया गया है। दो वर्षों से कोरोना संक्रमण के कारण विद्यालय बंद थे। कोरोना संक्रमण थमने के बाद विद्यालय खुल गए। अप्रैल से गर्मी शुरू हो गई है, लेकिन कई स्कूलों में विद्युत कनेक्शन न होने से बच्चों को उमस और गर्मी में जूझना पड़ रहा है। ऑपरेशन कायाकल्प के तहत स्कूलों में अच्छा खासा बजट खर्च कर बेहतर बनाया जा रहा है। विधानसभा चुनाव से पूर्व भी स्कूलों में बिजली, शौचालय समेत अन्य व्यवस्थाएं दुरुस्त करने का दावा किया गया, लेकिन अब भी 50 से अधिक ऐसे स्कूल हैं जहां बिजली विभाग का खंभा नहीं पहुंच सका है। सबसे मजे की बात यह है कि कनेक्शन न होने के बाद भी बिजली का बिल दो से ढाई लाख आ रहा है।
केस- 1
डीघ ब्लॉक के कंपोजिट विद्यालय कूड़ीकला में ऑपरेशन कायाकल्प से सुधार हो चुका है, लेकिन कनेक्शन नहीं होने से दिक्कत होती है। यहां बिजली विभाग का बिल भी आ रहा है।
केस- 2
डीघ ब्लॉक के ही पूर्व माध्यमिक विद्यालय कोनिया और प्राथमिक विद्यालय कूड़ी प्रथम में भी कनेक्शन नहीं हो सका है। अभी तक खंभे नहीं पहुंचे हैं। सबमर्सिबल लगा है। शिक्षक ग्रामीणों के यहां से कनेक्शन लेकर पानी की जरूरत के हिसाब से चलाते हैं। पंखे टंगे हैं।
चुनाव में अधिकतर स्कूलों में शौचालय, बिजली की समस्या दूर की गई थी। 10 से 15 स्कूलों में कनेक्शन से जुड़ी शिकायतें हैं। जिसे सही कराया जा रहा है।
सभी स्कूलों में कनेक्शन हो चुका है। मार्च 2022 में जिले के स्कूलों पर 11 करोड़ बकाया था। जिसमें पांच करोड़ जमा किया गया। जहां कनेक्शन नहीं है, उसे सही कराएंगे।
– भूपेंद्र नारायण सिंह, बीएसए भदोही
– अमर सिंह, एक्सईएन बिजली