अप्रशिक्षित शिक्षकों के हवाले है बच्चों का भविष्यक्षेत्र के अधिकांश विद्यालयों में नौनिहालों का भविष्य अप्रशिक्षित शिक्षकों के हवाले है। हाई स्कूल, इंटर, स्नातक युवा ही शिक्षण कार्य में लगे हुए हैं। कम पैसे में अधिक काम करने वाले बेरोजगार युवकों को अध्यापक का काम सौंपा गया है।
मान्यता के समय प्रशिक्षण एवं योग्य शिक्षकों की डिग्री लगा दी जाती है। शिक्षा विभाग की टीम मान्यता के समय भवन, प्रापर्टी आदि की शर्तों को तो परखती है किंतु शिक्षकों का स्थलीय निरीक्षण नहीं करती है। शंकरगढ़ में कुछ विद्यालय ग्राम पंचायत या सरकारी जमीन पर भी चल रहे हैं। क्षेत्र में शिक्षा विभाग के अधिकारी यदि ईमानदारी से निरीक्षण करें तो बड़े रैकेट का खुलासा हो सकता है।