लखनऊ: प्रदेश के सभी राज्य विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक कार्मिकों की हाजिरी बायोमीटिक प्रणाली से लगेगी। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विश्वविद्यालयों को यह प्रणाली लागू करने के लिए 30 मई तक का समय दिया है। बायोमीटिक को वेतन भुगतान से भी जोड़ा जाएगा और जून 2022 से इस पर अमल करने का भी निर्देश दिया है।
विश्वविद्यालयों में समय से आना, निर्धारित अवधि में अपने दायित्वों का निर्वहन करना व विभिन्न अथारिटीज की ओर से तय कार्य पद्धति व समय सारिणी का पालन करना अनिवार्य है। विश्वविद्यालयों में उपस्थिति पंजिका की व्यवस्था लागू है। वेतन भी उपस्थिति पंजिका के आधार पर ही दिया जाता रहा है। राज्यपाल आनंदीबेन ने इस व्यवस्था में बदलाव कर दिया है। उनका कहना है कि तकनीकी विकास के दौर में कार्यालयों में बायोमीटिक अटेंडेंस की व्यवस्था लागू की जाए। उन्होंने आदेश दिया है कि सभी राज्य विश्वविद्यालयों में सभी प्रकार के शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक कार्मिकों की उपस्थिति बायोमीटिक प्रणाली से अनिवार्य रूप से दर्ज कराई जाए।