लखनऊ : बीए, बीएससी व बीकाम में पढ़ने वाले छात्र-छात्रओं को परीक्षा में अब अंकों के साथ ग्रेड भी मिलेंगे। इससे विद्यार्थी प्रथम, द्वितीय या तृतीय श्रेणी में उत्तीर्ण होने की जगह ए प्लस, ए, बी प्लस और बी जैसे ग्रेड लिखे होंगे। शासन ने सभी राज्य व निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को स्नातक पाठ्यक्रमों में 10 प्वाइंट ग्रे¨डग प्रणाली लागू करने का आदेश दिया है।
प्रदेश के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में स्नातक स्तर पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप पाठ्यक्रम शैक्षिक सत्र 2021-22 में लागू कर दिए गए हैं। इस संबंध में 13 जुलाई 2021 को जारी शासनादेश में विस्तृत दिशा-निर्देश हैं। अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा मोनिका एस गर्ग ने कुलपतियों को भेजे आदेश में लिखा है कि सभी विश्वविद्यालयों में समान व्यवस्था लागू हो गई है। विद्यार्थी एक विश्वविद्यालय या महाविद्यालय से दूसरे में स्थानांतरित किए जा सकते हैं। इसके लिए प्रदेश स्तरीय एकेडमिक बैंक आफ क्रेडिट पोर्टल पर डाटा अपलोड है।
गर्ग ने आदेश में लिखा है कि स्टीयरिंग कमेटी की ओर से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के दिशा-निर्देशों पर आधारित एनईपी 2020 के तहत बीए, बीएससी व बीकाम के प्रथम तीन वर्ष के लिए ग्रे¨डग प्रणाली लागू किए जाने के संबंध में सुझाव दिए गए हैं, जिन्हें सभी को भेजा जा रहा है।
अपर मुख्य सचिव ने इस पर अमल के लिए कोई तारीख तय नहीं की है। विद्यार्थी को वर्तमान सेमेस्टर से अगले सेमेस्टर में प्रोन्नत किया जाएगा, चाहे परिणाम कुछ भी हो। इसके लिए शर्तें तय की गई हैं, विद्यार्थी ने दो सेमेस्टर में कुल क्रेडिट्स के 50 प्रतिशत क्रेडिट के पेपर उत्तीर्ण कर लिए हों। इसी तरह से तीन मुख्य विषयों के सभी पेपर के कुल क्रेडिट का 50 प्रतिशत पेपर उत्तीर्ण कर लिए हों। वहीं, द्वितीय से तृतीय वर्ष में प्रोन्नति के लिए पहले वर्ष के आवश्यक क्रेडिट्स के सभी पेपर व सह पाठ्यक्रम उत्तीर्ण करना आवश्यक होगा।
’>>बीए, बीएससी, बीकाम के पहले तीन वर्ष में छात्रों को अंक के साथ दें ग्रेड
’>>राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप पाठ्यक्रम सत्र 2021-22 में लागू
ऐसे तय होंगे डिवीजन
प्रथम श्रेणी : 6.50 या उससे अधिक व 10 से कम सीजीपीए
द्वितीय श्रेणी : 5.00 या उससे अधिक व 6.50 से कम सीजीपीए
तृतीय श्रेणी : 4.00 या उससे अधिक व 5.00 से कम सीजीपीए
नोट : सीजीपीए यानी क्यूमुलेटिव ग्रेड प्वाइंट एवरेज
बैक पेपर या सुधार परीक्षा
’>>आंतरिक परीक्षा में बैक पेपर या सुधार परीक्षा नहीं होगी, केवल पूर्ण सेमेस्टर की दोबारा परीक्षा विश्वविद्यालय कराएगा। इसमें आंतरिक मूल्यांकन भी किया जा सकता है। एक विद्यार्थी दो सेमेस्टर की पूरी परीक्षाएं एक साथ नहीं दे सकेगा।
’>>विद्यार्थी को बैक पेपर या सुधार परीक्षा के लिए पाठ्यक्रम वही होगा जो वर्तमान सेमेस्टर जिसमें वह परीक्षा दे रहा है। विद्यार्थी बैक पेपर चाहे कितनी बार दे सकता है, किंतु अब केवल एक वर्ष के पहले के पेपर्स के लिए ही उपलब्ध होगी।
’>>किसी भी एक वर्ष को पूरा करने की अधिकतम अवधि तीन वर्ष होगी।
इस तरह तय होगा उत्तीर्ण प्रतिशत
’>>छात्र-छात्रओं के क्वालीफाइंग पेपर में क्वालीफाइड के लिए क्यू और नाट क्वालीफाइड के लिए एनक्यू ग्रेड दिया जाएगा। सभी विषयों का उत्तीर्ण प्रतिशत अब 33 ही होगा। छह सह पाठ्यक्रम कोर्स व तृतीय वर्ष में लघु शोध का उत्तीर्णांक 40 प्रतिशत होगा।
’>>चार कौशल विकास कोर्स का भी उत्तीर्णांक 40 प्रतिशत रखा गया है, इसमें प्रैक्टिकल आधारित कार्य का मूल्यांकन 60 अंकों से और थ्योरी आधारित कार्य का मूल्यांकन 40 अंकों से किया जाएगा।
’>>सभी विषयों के हर कोर्स पेपर में थ्योरी व प्रैक्टिकल सहित अधिकतम 100 अंकों में से प्राप्तांक की गणना 25 अंकों के आंतरिक व 75 अंकों के वाह्य मूल्यांकन में मिले अंकों को जोड़कर की जाएगी। 75 में से न्यूनतम 25 अंक व उत्तीर्ण होने के लिए दोनों में न्यूनतम 33 अंक लाने होंगे।
’>>सह पाठ्यक्रम व लघु शोध की थ्योरी व प्रैक्टिकल परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए 75 में से न्यूनतम 30 अंक और दोनों को मिलाकर न्यूनतम 40 प्रतिशत अंक पाने होंगे।
’>>किसी भी कोर्स व प्रश्नपत्र के आंतरिक मूल्यांकन में कोई न्यूनतम उत्तीर्ण प्रतिशत नहीं है। यदि किसी विद्यार्थी को आंतरिक मूल्यांकन में शून्य व वाह्य मूल्यांकन में 33 या फिर सह पाठ्यक्रम में 40 प्रतिशत अंक मिलते हैं तो भी वह उत्तीर्ण होगा। आंतरिक मूल्यांकन में अनुपस्थित पर भी शून्य अंक मिलेंगे।
’>>किसी भी तरह का कृपांक यानी ग्रेस मार्क्स नहीं दिए जाएंगे।