लखनऊ: धार्मिक-सांस्कृतिक पर्यटन को प्राथमिकता पर रखने वाली योगी सरकार अब इसकी पताका गांव-गांव, शहर-शहर फहराना चाहती है। सौ दिन के प्रारंभिक लक्ष्यों के साथ ही अगले पांच वर्ष की कार्ययोजना को इस उद्देश्य से तैयार किया गया है कि पर्यटन की दृष्टि से पूरे प्रदेश में बदलाव होता नजर आए। 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश दिवस की शुरुआत करने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तय किया है कि अब हर जिले का स्थापना दिवस या जिला महोत्सव आयोजित किया जाएगा। यह महोत्सव हर गांव और शहर में होगा। ईको एंड रूरल टूरिज्म बोर्ड और प्रत्येक जिले में पर्यटन एवं संस्कृति परिषद के गठन जैसे महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए हैं।पर्यटन, संस्कृति, धर्मार्थ कार्य, सूचना और भाषा विभाग ने बुधवार को चरणवार कार्ययोजना एनेक्सी भवन में मंत्रि परिषद के सामने प्रस्तुत की। अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने सौ दिन, छह माह, एक वर्ष व पांच वर्ष के लिए चरणवार क्या-क्या तय किया है। एक-एक ¨बदु की समीक्षा के साथ मुख्यमंत्री ने निर्देश भी दिए। कहा कि प्रदेश में ईको टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं। इसे और बढ़ावा देने का प्रयास किया जाए। 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश दिवस मनाया जाता है। इसी तर्ज पर प्रत्येक जिले में स्थापना दिवस या जिला महोत्सव आयोजित किया जाए। प्रत्येक शहर व गांव में भी इसी प्रकार महोत्सव के कार्यक्रम हों। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से प्रदेश नेचर, कल्चर और एडवेंचर का संगम बन रहा है। ऐसे में यहां ईको एंड रूरल टूरिज्म बोर्ड का गठन किया जाना चाहिए। इसी प्रकार सभी 75 जिलों में जिला पर्यटन एवं संस्कृति परिषद का गठन किया जाए।
लखनऊ: हर जिले के स्थापना दिवस के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्णय लिया है कि हर जिले की गौरव गाथा भी जन-जन तक पहुंचाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर प्रदेश के सभी 75 जिलों के समृद्ध इतिहास से परिचय करातीं 75 पुस्तकों का प्रकाशन कराया जाए। इसी प्रकार राष्ट्रभक्ति पर आधारित 75 लघु फिल्मों का प्रदर्शन भी किया जाए। उन्होंने प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में गौरव गैलरी की स्थापना कराने पर जोर दिया है। इस गैलरी में विश्वविद्यालय से संबंधित क्षेत्र के महापुरुषों और ऐतिहासिक घटनाओं से जुड़ी सामग्री और साहित्य को संग्रहीत व प्रदर्शित किया जाएगा।समग्र विकास का संदेश देंगे ये काम
’ प्रयागराज, मथुरा, गोरखपुर और वाराणसी में भजन संध्या स्थल का निर्माण।
’श्री अयोध्या धाम में जन्मभूमि पथ (सहादतगंज नया घाट मार्ग से सुग्रीव किला पथ श्री रामजन्मभूमि तक) और भक्ति पथ (अयोध्या मुख्य मार्ग से हनुमानगढ़ी होते हुए श्री रामजन्मभूमि तक) चार लेन मार्ग का जल्द निर्माण। ’श्रृंगवेरपुर में निषादराज गुह्य पर्यटन, लखनऊ में महाराजा बिजली पासी के किले पर लाइट एंड साउंड शो, बहराइच में महाराजा सुहेलदेव स्मारक निर्माण। ’आगरा में छत्रपति शिवाजी महाराज स्मारक और भदोही में सीतामढ़ी स्थल का विकास।’मथुरा के बरसाना व प्रयागराज में झूंसी से त्रिवेणी पुष्प तक रोप-वे का निर्माण।’पर्यटक आवासों का संचालन पीपीपी मोड पर किया जाएगा। आगरा और मथुरा के हेलीपोर्ट व आगरा स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज संग्रहालय का संचालन भी पीपीपी मोड पर होगा।’सिंचाई, लोक निर्माण विभाग, राजस्व और वन विभाग के अतिथि गृहों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा।
‘एडाप्ट ए हेरिटेज’ नीति के तहत छतर मंजिल, दर्शन विलास कोठी लखनऊ, गोवर्धन की छतरियां मथुरा, कर्मदेश्वर महादेव काशी, चुनार किला मीरजापुर और बरुआ सागर झील किला में हेरिटेज मित्र का चयन। एनसीसी, एनएसएस, युवक-महिला मंगल दल के माध्यम से ‘पर्यटन मित्र’ तैयार किए जाएंगे।’बलरामपुर के इमिलिया कोडर में थारू जनजाति संस्कृति संग्रहालय को जल्द पूरा कराया जाएगा। ’राजकीय अभिलेखागार लखनऊ में आजादी की गौरव गाथा पर आधारित वीथिका का निर्माण होगा।’संगीत नाटक अकादमी के स्टूडियो में ‘जयघोष’ के नाम कम्युनिटी रेडियो की शुरुआत।’लखनऊ, सोनभद्र व लखीमपुर खीरी में जनजातीय संग्रहालय और कन्नौज में बाल संग्रहालय की स्थापना। ’हस्तिनापुर (मेरठ) व गोरखपुर में प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय बनाने का प्रयास। ’रामसनेही घाट बाराबंकी में रामायण सांस्कृतिक केंद्र व शिल्पग्राम का विकास प्रस्तावित।
राम वनगमन पथ पर बनेंगी रामायण वीथिकाएं
सीएम योगी ने रामायण परंपरा की कल्चरल मै¨पग कराने का निर्देश दिया है। कहा है कि राम वनगमन पथ पर रामायण वीथिकाओं का निर्माण कराएं। साथ ही पर्यटन के क्षेत्र में चिन्हित 12 सर्किटों- रामायण सर्किट, बुद्धिष्ट सर्किट, आध्यात्मिक सर्किट, शक्तिपीठ सर्किट, कृष्ण-ब्रज सर्किट, बुंदेलखंड सर्किट, महाभारत सर्किट, सूफी-कबीर सर्किट, क्राफ्ट सर्किट, स्वतंत्रता संग्राम सर्किट, जैन सर्किट के काम जल्द पूरे कराएं जाएं। वहीं, अयोध्या में नियमित रामलीला का मंचन होना चाहिए।
संत-पुरोहितों के लिए कल्याण बोर्ड का होगा गठन
योगी सरकार ने आस्था के सम्मान में भी बड़ा निर्णय लिया है। तय किया है कि बुजुर्ग संतों, पुजारियों एवं पुरोहितों के कल्याण के लिए एक बोर्ड का गठन किया जाएगा। यह बोर्ड संतों-पुजारियों के कल्याण संबंधी कार्य देखेगा। इसकी घोषणा भाजपा ने लोक कल्याण संकल्प पत्र-2022 में भी की थी।
आनलाइन मिलेगा हर मंदिर का इतिहास और रूटमैप
श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा के लिए आनलाइन एकीकृत मंदिर सूचना प्रणाली सौ दिन में विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत मंदिरों का विवरण, इतिहास, रूट मैप आदि की जानकारी आनलाइन उपलब्ध हो सकेगी।
ब्रज, अवधी, बुंदेली और भोजपुरी अकादमी की होगी स्थापना
भाजपा ने विधानसभा चुनाव के दौरान क्षेत्रीय भाषाओं के संवर्धन और सम्मान के लिए विभिन्न क्षेत्रीय अकादमियों का भी संकल्प लिया था। अब मुख्यमंत्री ने इसे सौ दिन में पूरा करने का निर्देश दिया है। कहा है कि बोलियों की समृद्धि व संरक्षण के लिए सूरदास ब्रजभाषा अकादमी, गोस्वामी तुलसीदास अवधी अकादमी, केशवदास बुंदेली अकादमी और संतकबीरदास भोजपुरी अकादमी की स्थापना की जाए।
’योगी सरकार देगी सांस्कृतिक पर्यटन को पंख, बनेगा ईको एंड रूरल टूरिज्म बोर्ड
’पर्यटन, संस्कृति, धर्मार्थ कार्य, सूचना और भाषा विभाग का प्रस्तुतीकरण