उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) की लेखपाल भर्ती परीक्षा में प्रारंभिक पात्रता परीक्षा (पीईटी) का कटआफ जारी करने के खिलाफ प्रतियोगियों ने मोर्चा खोल दिया है। आयोग ने अनारक्षित, अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 62.96, अनुसूचित जाति के लिए 61.80, अनुसूचित जनजाति के लिए 44.71 कटआफ अंक जारी है। विरोध कर रहे प्रतियोगियों ने कटआफ कम करने की मांग उठाई है।
इसके लिए रविवार को ट्विटर पर अभियान चलाया। ट्विटर पर #JUSTICEFORUP LEKHPALSTUDENT रविवार को ट्रेंड करता रहा। शाम तक साढ़े तीन लाख से ज्यादा ट्वीट किए गए। इसे सीएम यूपी आफिस, एम योगी आदित्यनाथ, यूपी गवर्नमेंट के ट्विटर हैंडल को भी टैग किया गया है। प्रतियोगी संजय यादव, प्रदीप पांडेय, नीलम पाण्डेय, नियाज अहमद, अनिरुद्ध पाण्डेय का कहना है कि आयोग ने अभ्यर्थियों के साथ अन्याय किया है। आयोग ने वर्ष 2021 में परीक्षा कैलेंडर जारी किया। उसमें अगस्त में पीईटी प्रस्तावित थी, जिसे समय पर कराया गया। इसमें लेखपाल भर्ती परीक्षा नवंबर 2021 में प्रस्तावित थी, जो अब 19 जून को प्रस्तावित है।
लेखपाल भर्ती परीक्षा का फार्म जनवरी 2022 में आया। आयोग ने उसी समय पीईटी का कटआफ अंक जारी किया होता तो 13 लाख अभ्यर्थी आवेदन क्यों करते? कोई कटआफ अंक जारी नहीं किए जाने से जिनके कम नंबर थे, उन्होंने भी आवेदन कर दिया और परीक्षा की तैयारी में जुट गए। कोचिंग की, उसमें भी रुपये खर्च किए। राजस्व लेखपाल भर्ती परीक्षा में 8085 पद होने के कारण प्रतियोगियों ने इसे बड़े अवसर के रूप में लिया। अब पांच मई 2022 को हाई कटआफ अंक जारी कर आयोग ने बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों से भर्ती परीक्षा में शामिल होने का मौका छीन लिया। संजय यादव के मुताबिक आयोग की इस मनमानी के खिलाफ सोमवार को बड़ी संख्या में अभ्यर्थी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग लखनऊ में अध्यक्ष और सचिव को प्रत्यावेदन देंगे। उनकी मांग है कि मनमाना कटआफ हटाकर एक अर्हकारी कटआफ अंक घोषित किया जाए। अगर मांग नहीं मानी गई तो अभ्यर्थी कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।