सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में आनलाइन तबादले के नाम पर शिक्षकों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। आनलाइन स्थानांतरण में कमियों के खिलाफ मामला कोर्ट में विचाराधीन होने पर अधिकारी साल भर से कोर्ट में काउंटर नहीं लगा रहे हैं। इससे स्थानांतरण प्रक्रिया बाधित है।
इसके विपरीत अफसरों के बेटे-बेटियों व चहेतों के मनचाहे तबादले होने पर शिक्षकों ने प्रश्न उठाए हैं। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (एकजुट) की प्रदेश कार्यकारिणी की प्रदेश मुख्यालय में हुई बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। प्रदेश अध्यक्ष श्रवण कुशवाहा ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के स्थानांतरण हेतु आनलाइन प्रक्रियाशुरू हुई थी, लेकिन तबादले नहीं हुए। प्रश्न उठाया कि मामला कोर्ट में है तो अफसरों के चहेते कैसे लाभ पा रहे हैं? अपनों को स्थानांतरण देने की दोहरी व्यवस्था से शिक्षक आक्रोशित हैं। ऐसे में एक जून को निदेशालय का घेराव करने का निर्णय लिया गया है।
प्रदेश संरक्षक डा. हरि प्रकाश यादव ने कहा कि शासनादेश के मुताबिक 21 मई से 30 जून तक ग्रीष्म अवकाश है, किंतु अधिकारी नए-नए आदेश जारी कर शिक्षकों को विद्यालय आने पर विवश कर रहे हैं। उन्होंने मांग की कि यदि ग्रीष्म अवकाश में शिक्षकों को बुलाना है तो उसके बदले अर्जित अवकाश प्रदान किया जाए।