शिक्षा विभाग में एक और कारनामा:- फर्जी अंकपत्र ही नहीं बल्कि फर्जी व्यक्ति बन कर कर रहा शिक्षक की नौकरी, जाने पूरा मामला

शिक्षा विभाग

15 वर्ष नौकरी की उपरांत भी अभी तक नहीं पकड़ पाया शिक्षा विभाग, शिकायत पर विभाग ने रोका वेतन, जाँच जारी।

बलिया निवासी गाजीपुर में कर रहा दूसरे के स्थान पर शिक्षक की नौकरी।
शिक्षा विभाग में फर्जी अंकपत्र पर नौकरी करने वाले प्रतिदिन सत्यापन में पकड़े जा रहे हैं उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर निष्कासन के साथ रिकवरी की कार्रवाई की जा रही किंतु आए दिन नए-नए प्रकार के फर्जी शिक्षक की जानकारी भी सामने आ रही अब फर्जी अंकपत्र ही नहीं बल्कि फर्जी नाम पर दूसरा व्यक्ति कर रहा नौकरी जिला से लेकर मा० मुख्यमंत्री तक की जा चुकी है शिकायत अभी तक नहीं हुई कोई कार्रवाई।
बलिया निवासी गाजीपुर जनपद में दूसरे के नाम पर कर रहा नौकरी 15 वर्ष उपरांत भी अभी तक शिक्षा विभाग की पकड़ से दूर, शिकायत पर विभाग ने वेतन रोका, जाँच जारी।
जानकारी के अनुसार बलिया जनपद के गौरा मदनपुरा निवासी राम नवल यादव उर्फ पप्पू यादव पुत्र श्रीकांत यादव ने कूट रचित तरीका अपनाकर गाजीपुर जनपद के शिक्षा क्षेत्र कासिमाबाद में सहायक अध्यापक के पद पर प्राथमिक विद्यालय रोहली पर 03/01/2006 को नियुक्ति करा चुके हैं, जबकि मानव संपदा पोर्टल पर यह नियुक्ति अनिल कुमार गौड़ पुत्र रमाशंकर गोंड निवासी गड़ार पोस्ट गौशालपुर सेवा पुस्तिका में अंकित है। वर्तमान समय में इनकी तैनाती यूपीएस कागजीपुर शिक्षा क्षेत्र कासिमाबाद में है उपरोक्त शिक्षक के विरुद्ध मुन्ना भाई बनकर दूसरे के स्थान पर शिक्षा विभाग को धोखा देकर सरकारी धन के आहरण करने पर गाजीपुर जनपद से लेकर मुख्यमंत्री तक इनकी शिकायत की जा चुकी है जांच जारी है 15 वर्ष तक गाजीपुर जनपद के शिक्षा विभाग में शिक्षक की नौकरी दूसरे के नाम पर कर चुके हैं अभी तक शिक्षा विभाग की पकड़ से दूर हैं विभाग ने वेतन रोकने के आदेश के साथ ही जांच शुरू कर दी है। वही दूसरे के नाम पर शिक्षक बनकर नौकरी करने की जांच की जा रही है तथा वेतन रोक दिया गया है और जांच के लिए टीम का गठन किया जा चुका है
जांच में सही पाए जाने पर मुकदमा पंजीकृत करने के साथ ही आहरित वेतन की रिकवरी करायी जायेगी।