मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधान सभा के सदस्यों को ठेके-पट्टे और ट्रांसफर-पोस्टिंग से दूर रहने की नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति की शालीनता और धैर्य उसे आगे बढ़ाते हैं। वहीं उसका उतावलापन, उद्दंडता, ठेके-पट्टे व ट्रांसफर-पोस्टिंग से अनुराग और हर एक मामले में हस्तक्षेप करने की आदत उसे नीचे लुढ़का देती है, चाहे संसद हो या विधान सभा। अच्छी छवि जीवन पर्यन्त आपका साथ देगी लेकिन यदि उस पर थोड़ी भी चोट लगी तो यह अभिशाप बन जाएगी।
अठारहवीं विधान सभा के सदस्यों के लिए आयोजित दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम को शनिवार को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नकारात्मकता किसी जनप्रतिनिधि को आगे नहीं बढ़ाती है। एक विधायक का उदाहरण देकर उन्होंने कहा कि वह हर मुद्दे पर धरना-प्रदर्शन करते थे लेकिन इस बार विधान सभा चुनाव में चौथे नंबर पर रहे। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों में राजनीति को आड़े नहीं आने देना चाहिए।
कुछ जनप्रतिनिधि न सिर्फ मंत्रियों से बल्कि विकास कार्यों से भी तटस्थता बना लेते हैं और जब चुनाव आता है तो उनके सामने संकट खड़ा हो जाता है। जनप्रतिनिधि यदि विकास योजनाओं से जुड़़कर उन्हें आगे बढ़ाएंगे तो इसका श्रेय पाएंगे। सदस्यों को जातिवादी मानसिकता से ऊपर उठकर जनसमस्याओं के निराकरण के लिए काम करने का भी उन्होंने मंत्र दिया। यह कहते हुए कि यदि प्रदेश में जातिवादी राजनीति होती तो वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना लगातार नौवीं बार और विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना आठवीं बार चुनाव कैसे जीते।
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विधान सभा में ई-विधान लागू होने के बाद सदस्यों की हाजिरी उनकी मेज पर लगे टैबलेट के जरिये दर्ज होगी।UP Assembly Session 2022: यूपी में देश की पहली ई-विधान सभा, अब टैबलेट पर दर्ज होगी विधायकों की हाजिरीयह भी पढ़ेंयोगी ने कहा कि आज राजनेता असम्मान और अविश्वास के प्रतीक बन गए हैैं। सदन में हमारा आचरण और सक्रियता हमें विश्वास का प्रतीक बनाएगी। जनसमस्याओं के निराकरण के लिए उन्होंने विधायकों से अत्यंत आग्रही होने की अपील की। इसी कड़ी में गोरखपुर के सांसद और फिर मुख्यमंत्री रहते हुए जापानी इन्सेफेलाइटिस के उन्मूलन के लिए किये गए प्रयासों का जिक्र किया।
ताकत का बेजा इस्तेमाल न करें सदन की समितियांः योगी ने कहा कि विधान सभा की समितियों की भूमिका सलाहकार के तौर पर होती है। कई समितियां अधिकारियों को बुलाकर सीधे आदेश पारित कर देती हैं। समिति के सदस्य कोई भी ऐसा काम न करें जिससे संकट खड़ा हो। सदन की समितियां मिनी विधान सभा होती हैं लेकिन उन्हें अपनी ताकत का बेजा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। उन्होंने विधान परिषद और विधान सभा की समितियों की बैठकें भी मंगलवार और बुधवार को आयोजित करने का सुझाव दिया।
आदर्श विधायकों को करें सम्मानितः मुख्यमंत्री ने विधायकों को जनता से नियमित संवाद करने के लिए प्रेरित किया। कहा कि जनता के सामने संबोधन से ही हम सम्मोहन पैदा करते हैं। यही सम्मोहन वोट में बदलता है। सदस्यों को सदन में कम से कम शब्दों में अपनी बात को प्रभावशाली तरीके से रखने की सलाह दी। विधान सभा अध्यक्ष से अनुरोध किया कि सदन में सक्रिय और अच्छा आचरण करने वाले दो-तीन आदर्श विधायकों को सम्मानित करने की व्यवस्था की जाए।
राष्ट्रपति छह को दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को करेंगे संबोधितः मुख्यमंत्री ने सदस्यों को बताया कि छह जून को विशेष सत्र में राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द विधानमंडल के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगे।
अभ्यास से हो जाएंगे ई-विधान में पारंगतः योगी ने कहा कि ई-विधान लागू होने के बाद देश के सबसे बड़े राज्य उप्र की विधान सभा वैसी दिख रही है जैसी दिखनी चाहिए। ई-विधान के तहत प्रत्येक सदस्य की मेज पर लगाया गया टैबलेट इस्तेमाल करने में उतना ही सरल है जितना आपका स्मार्टफोन। प्रशिक्षण के बाद आप इस पर हाथ आजमाएंगे तो ई-विधान के साथ सदन की कार्यवाही में भी पारंगत हो जाएंगे।