लखनऊ। राज्य सरकार प्रदेश के सभी गांवों को इंटरनेट सेवा से जोड़ने जा रही है। इसका मकसद गांवों तक डिजिटल माध्यम से सुविधाओं का लाभ देना है। इसके लिए फ्री राइट-ऑफ-वे योजना के तहत अनुमति और अनापत्ति प्रमाण पत्र विभागों को देना होगा।
उच्च स्तर पर इसको लेकर सहमति बन गई है और जल्द ही कैबिनेट से प्रस्ताव मंजूर कराने की तैयारी है। प्रधानमंत्री ने डिजिटल इंडिया की परिकल्पना को साकार करने के लिए देश के सभी ग्रामीण आवासीय परिवारों और शासकीय संस्थानों को उनकी मांग पर सस्ती ब्राडबैंड कनेक्टिविटी की सुविधा देने की योजना तैयार कराई है। इसके लिए ‘उच्च स्केलेबेल नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर’ बनाने के लिए संचार मंत्रालय के अधीन काम करने वाले भारतनेट को चुना गया है। इसके द्वारा प्रदेश के सभी विकासखंडों से ग्राम पंचायतों तक 58545 किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाई जा चुकी है। दूसरे चरण में कनेक्टिविटी वाई-फाई नेटवर्क के माध्यम से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की जानी है।
भारतनेट परियोजना के तहत इन कामों को करने के लिए फ्री राइट ऑफ वे अनुमति के लिए यूपी, केंद्र व संचार मंत्रालय के बीच त्रिपक्षीय समझौता हुआ है। राज्य सरकार के अधीन काम करने वाले विभागों को इसके लिए अनुमति और अनापत्तियां देनी है।