हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में एफआईआर रद्द करने की मांग में दाखिल याचिका वापस लेने के बाद बिना ऐसी अनुमति लिए इलाहाबाद प्रधान पीठ में याचिका दाखिल की जा सकती है या नहीं, इस मुद्दे पर 14 जून को सुनवाई होगी।
अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने एटा के रामेश्वर सिंह यादव व अन्य की याचिका की पोषणीयता पर आपत्ति की, जिसके जवाब के लिए याची की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक मेहता ने समय मांगा। न्यायमूर्ति ओम प्रकाश एवं न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान अपर महाधिवक्ता गोयल ने कहा कि याची ने लखनऊ बेंच में कोतवाली एटा में दर्ज गैंगस्टर एक्ट एफआईआर को चुनौती दी थी। बहस के बाद याचिका वापस ले ली। कहा कि विधि अनुसार कार्यवाही करेंगे और उसी मामले को लेकर इलाहाबाद प्रधान पीठ में दोबारा याचिका की है, जो पोषणीय नहीं है। एक ही मुद्दे को लेकर दो कोर्ट में याचिका नहीं की जा सकती। लखनऊ पीठ ने याचिका खारिज करते समय इलाहाबाद प्रधान पीठ में जाने की अनुमति नहीं दी है।