मंझनपुर । फर्जी दस्तावेज के सहारे शिक्षिका बनी महिला को दो साल से शिक्षा विभाग तलाश कर रहा है। जांच में फर्जी नियुक्ति का खुलासा होने के बाद एसआईटी ( स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम) ने बेसिक शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर शिक्षिका के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया है। दो मर्तबा उसे नोटिस भी जारी किया जा चुका है। अब जालसाज शिक्षिका की बर्खास्तगी की तैयारी की जा रही है।
सिराथू तहसील के धुमाई केन कनवार गांव निवासी स्नेहलता ने पांच सितंबर 2016 को अमेठी जनपद के एक प्राथमिक विद्यालय में बतौर शिक्षिका नियुक्त पाई थी। महिला ने लगभग दो साल तक नौकरी करने के बाद अपना तबादला कौशाम्बी जिले में करा लिया। स्नेहलता ने चायल ब्लॉक क्षेत्र में 26 जून 2019 को अपनी तैनाती कराई। इसके बाद दोबारा उसने अपना समायोजन सिराथू ब्लॉक के रामपुर सुहेला स्थित प्राथमिक विद्यालय में करा लिया। स्नेहलता ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे शिक्षिका की नौकरी हासिल की है। इसकी जानकारी होने पर किसी ने एसआईटी को पत्र भेजकर जांच कराने की मांग की। एसआईटी ने जांच की तो हकीकत से पर्दा उठ गया। जांच रिपोर्ट के अनुसार कर्नाटक के मणिपाल विश्वविद्यालय से संबद्ध राष्ट्रीय बौद्धिक दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान सिकंदराबाद ( तेलंगाना) से जारी डीईडी (डॉक्टर ऑफ एजूकेशन) का फर्जी दस्तावेज लगा हुआ है। एसआईटी ने बीएसए कौशाम्बी को पत्र लिखकर शिक्षिका के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया। इसकी भनक लगते ही शिक्षिका गायब हो गई। इधर, एसआईटी का पत्र मिलने के बाद बीएसए ने दो बार शिक्षिका को नोटिस जारी किया, लेकिन न तो नोटिस का कोई जवाब मिला और न ही शिक्षिका का कोई पता चल सका है।