बुनियादी शिक्षा में इस सत्र में डिजिटल पर जोर रहेगा। 18381 प्राइमरी स्कूलों में स्मार्ट क्लास की स्थापना की जाएगी। बायोमीट्रिक हाजिरी के लिए हर स्कूल में प्रधानाध्यापक समेत दो शिक्षकों को टैबलेट दिया जाएगा।
प्राइमरी व जूनियर स्कूलों के पठन-पाठन पर नजर रखने के लिए पांच करोड़ की लागत से राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम विद्या समीक्षा केन्द्र बनाया जाएगा। डिजिटलीकरण के लिए इस बार लगभग 562 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
केन्द्र सरकार ने प्रोजेक्ट एप्रूवल बोर्ड (पीएबी) की बैठक राज्य सरकार के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम विद्या समीक्षा केंद्र में रोज शिक्षकों व विद्यार्थियों की हाजिरी दर्ज की जाएगी। इसके अलावा हर तीन महीने पर होने वाली परीक्षाओं का रिजल्ट भी यहां दर्ज होगा। स्कूल चलो अभियान, स्कूलों की मान्यता, शिक्षकों के शिक्षणेत्तर कामों को कम करने में मदद मिलेगी।
प्राइमरी व जूनियर स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को भी टैबलेट दिए जाने की योजना में विस्तार करते हुए अब प्रधानाध्यापक के अलावा स्कूल के एक और शिक्षक को टैबलेट दिया जाएगा।
इस टैबलेट से बायोमीट्रिक हाजिरी भी लगाई जाएगी और इसे कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा। बीआरसी व एआरपी आदि को भी टैबलेट दिया जाना है। कुल 209862 टैबलेट खरीदे जाएंगे और इस योजना के लिए 59.86 करोड़ बजट मंजूर किया गया है।
इस शैक्षिक सत्र में 18381 स्कूलों को स्मार्ट क्लास से समृद्ध किया जाएगा। स्मार्ट क्लास के लिए 2.40 लाख रुपये प्रति स्कूल दिया जाएगा। 441 करोड़ रुपये का बजट इस मद में मंजूर किया गया है। इसके साथ ही बीआरसी पर भी ऑनलाइन ट्रेनिंग के लिए व्यवस्था की जाएगी। 6.4 लाख रुपये प्रति बीआरसी यानी कुल 880 ब्लॉकों में स्थापित बीआरसी में 56.32 करोड़ रुपये के बजट से व्यवस्था की जाएगी।