लखनऊ, उत्तर प्रदेश के 16 लाख राज्य कर्मचारियों, शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। अगस्त महीने से तीन फीसद की बढ़ी दर से महंगाई भत्ते (डीए) का नगद भुगतान होने की उम्मीद जगी है। 11.52 लाख पेंशनर भी बढ़ी दर से महंगाई राहत (डीआर) का इंतजार कर रहे हैं। वित्त विभाग ने कर्मचारियों और पेंशनरों को बढ़ी दर से डीए और डीआर के भुगतान की मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को वित्त मंत्री के माध्यम से फाइल भेज दी है।
सरकारी कर्मचारियों के डीए और पेंशनरों के डीआर में बढ़ोतरी जनवरी और जुलाई महीनों से प्रभावी होती है। केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों और पेंशनरों को पहली जनवरी 2022 से 31 की बजाय 34 प्रतिशत की दर से डीए व डीआर देने का फैसला मार्च में किया था। इस फैसले के कारण केंद्र सरकार के कर्मचारियों व पेंशनरों का डीए व डीआर बढ़कर 34 प्रतिशत हो गया है।
वहीं उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने कर्मचारियों व पेंशनरों का डीए व डीआर अब तक नहीं बढ़ाया है। उन्हें अभी 31 प्रतिशत की दर से ही डीए व डीआर मिल रहा है। यह तब है जब डीए-डीआर में जुलाई में फिर वृद्धि होनी है। कर्मचारियों और पेंशनरों को तीन प्रतिशत की बढ़ी दर से डीए व डीआर का भुगतान करने पर सरकार पर प्रतिमाह 220 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्ययभार आएगा।
एक-दो साल को अपवाद मान लें तो पूर्व के वर्षों में कर्मचारियों को जनवरी से देय अतिरिकत डीए का नकद भुगतान जुलाई के महीने से होने लगता था। इसी आधार पर कर्मचारी व पेंशनर डीए-डीआर बढ़ने की उम्मीद लगाए हैं। वहीं राज्य कर्मचारियों ने राज्य कर्मचारियों को तीन प्रतिशत की बढ़ी दर से डीए का नकद भुगतान तत्काल सुनिश्चित करने की मांग की है। यह सरकार का वचनबद्ध व्यय है।
केंद्र सरकार जहां जुलाई में फिर से बढ़ने वाले डीए का भुगतान करने की तैयारी कर रही है, वहीं राज्य सरकार अभी पिछला भुगतान ही नहीं कर पाई है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा का भी कहना है कि लाखों कर्मचारी बढ़ी दर से डीए के नकद भुगतान की आस लगाए हैं।