मन में जो छवि बनती है वह अच्छी नहीं होती। बावजूद इसके शहर के अंग्रेजी माध्यम के प्राथमिक विद्यालय राजापुर की प्रधानाध्यापिका रितु अवस्थी ने अपनी लगन और कड़ी मेहनत के बल पर न केवल विद्यालय को तस्वीर बदली, बल्कि शैक्षिक गुणवत्ता सुधारने में मिसाल कायम की आज दूसरे जिले से भी लोग इस विद्यालय को देखने आते हैं। पड़ोसी जिला हरदोई में जन्मों और लखनऊ में पढ़ी लिखी रितु अवस्थी ने कभी परिषदीय विद्यालयों में पढ़ाई नहीं की। उन्होंने प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा ग्रहण की, लेकिन परिषदीय स्कूलों की दशा सुधारने की उनके मन में एक ललक थी। संयोग से उन्हें बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षिका बनने का मौका मिला। वर्ष 2016 में राजापुर प्राथमिक विद्यालय का चयन अंग्रेजी माध्यम स्कूल के रूप में हुआ तभी रितु को स्कूल की प्रधानाध्यापिका का दायित्व सौंपा गया।
जब रितु ने विद्यालय में प्रधानाध्यापिका का कार्यभार संभाला उस समय कक्षा एक से पांच तक
संचालित इस अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में विद्यार्थियों की संख्या सिर्फ 223 भी जो अब बढ़कर 371 तक पहुंच गई है। प्रधानाध्यापिका रितु अवस्थी ने विद्यालय में पढ़ाई को बेहद रोचक बनाने का प्रयास किया। ताकि बच्चे बहुत कुछ खेल खेल में सौख सके। उन्होंने न केवल शैक्षिक गुणवत्ता को बेहतर बनाया, बल्कि बच्चों के सर्वागीण विकास पर विशेष ध्यान दिया है। विद्यालय की कक्षाएं भी पहाड़, जंगल आदि श्रीम पर सवारी गई है।