इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती मामले में ऑनलाइन आवेदन भरने में मानवीय भूल सुधार करने की अनुमति देने की मांग को लेकर दाखिल 17 याचिकाओं पर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि चेतावनी दिए जाने के बावजूद व्यक्तिगत व शैक्षिक जानकारी भरने में लापरवाही बरती गई। जिसे सामान्य मानवीय भूल नहीं कहा जा सकता। कोर्ट ने याचिकाएं खारिज कर दी है।
यह आदेश न्यायमूर्ति जे जे मुनीर ने रूखसार खान सहित 17 याचिकाओं की एक साथ सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने अलेक्जेंडर पोप के कथन का भी जिक्र किया जिसमें कहा गया है कि मानव की गलती भगवान माफ करते हैं। परीक्षा नियामक प्राधिकारी प्रयागराज की तरफ से जारी भर्ती में चेतावनी के साथ आवेदक को घोषणा करनी होती है। लिखित परीक्षा के सफल अभ्यर्थियों को काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया और चयन किया गया।
याचियों का कहना था कि ऑनलाइन आवेदन भरने में मानवीय भूल हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने मानवीय भूल सुधार का मौका देने का आदेश दिया है। सरकार की तरफ से विज्ञापन शर्तों व पद की गरिमा का हवाला दिया और कहा कि आवेदन भरने में व्यापक गलती को मानवीय भूल नहीं कहा सकते। कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है