तमाम ऐसे शिक्षकों पर गिरेगी गाज जो मनचाहे स्कूलों में बर्षों से डटे अब होगा तबादला, शासन के आदेश से मचा हड़कंप

Basic Wale news

गिरेगी। सेटिंग-गेटिंग के सहारे कम छात्र संख्या वाले करीब 100 स्कूलों में मौज काट रहे शिक्षकों का तबादला होगा। शासन से आदेश आने के बाद सरप्लस शिक्षकों की सूची बनने का काम शुरू हो गया है।

शासनादेश के तहत ऐसे सीनियर शिक्षकों को चिह्नित कर सूची बनाई जानी है, जहां छात्र संख्या कम है इसके बावजूद शिक्षक वर्षों से जमे हुए हैं। शासन से आदेश आने की खबर लगते ही जुगाड़ के सहारे तैनाती पाने वाले शिक्षकों में हड़कंप मच गया है।

जिले में 1725 परिषदीय विद्यालय संचालित हैं। इनमें 632 जूनियर और 293 प्राथमिक स्कूल हैं। इन विद्यालयों में 2 लाख 35 हजार बच्चे पंजीकृत हैं। जिले में तमाम ऐसे स्कूल है जहां छात्र संख्या तो कम है, लेकिन शिक्षकों की संख्या काफी अधिक है। वहीं कई ऐसे स्कूल भी हैं जहां छात्र संख्या अधिक है, लेकिन वहां पर शिक्षक मानक से काफी कम है।

छात्र संख्या और शिक्षकों के अनुपात में अंतर होने के कारण बच्चों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा देने की शासन की मंशा पूरी नहीं हो पा रही है। इसे देखते हुए शासन ने छात्र संख्या के हिसाब से स्कूलों में लंबे समय से तैनात शिक्षकों का विवरण मांगा है। शासन की ओर से 15 अगस्त तक सूची फाइनल करने के निर्देश दिए हैं।

डीएम की कमेटी करेगी समायोजन पर फैसला

प्राइमरी व जूनियर स्कूलों के शिक्षकों का जिले के अंदर तबादला व समायोजन ऑनलाइन होगा। समायोजन के लिए शिक्षकों को 25 स्कूलों का विकल्प देना होगा। सरप्लस शिक्षकों में दिव्यांग, असाध्य या गंभीर रोग से ग्रसित, एकल अभिभावक को छोड़ते हुए वरिष्ठता के आधार पर समायोजन किया जाएगा। डीएम की अध्यक्षता की पांच सदस्यीय कमेटी मामले में निर्णय लेगी। 

शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत प्राथमिक स्कूल में छात्र और शिक्षक का अनुपात

छात्र संख्या              शिक्षक

एक से 60 तक           02 

61 से 90 तक            03

91 से 120 तक          04

121 से 150 तक        05

151 से 200 तक        06

200 से ऊपर 40 छात्र संख्या पर एक शिक्षक

जूनियर स्कूलों में शिक्षक व छात्र संख्या का अनुपात छात्र संख्या 

छात्र संख्या             शिक्षक

100.                         03

 105                         04

106 से ऊपर 35 छात्र पर एक शिक्षक

31 स्कूल हैं शिक्षक विहीन

जिले के 31 सरकारी स्कूल शिक्षकविहीन हैं। इनमें 15 प्राइमरी और 16 जूनियर स्कूल शामिल हैं। इन स्कूलों के करीब ढाई हजार छात्रों का भविष्य चौपट हो रहा है। पूर्व में इन स्कूलों में तैनात शिक्षकों ने मनचाहे स्कूल में पोस्टिंग या फिर संबद्धता करा ली। जिसके चलते ये स्कूल शिक्षामित्रों या फिर अनुदेशक के सहारे चल रहे हैं।

जिन स्कूलों में क्षमता से अधिक शिक्षक तैनात है, वहां के सीनियर शिक्षकों के तबादले और समायोजन का आदेश है। शासन की मंशा और शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत प्रक्रिया पूरी की जाएगी।  -प्रिंसी मौर्या, बीएसए