प्रयागराज,। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में आयकर विभाग कानपुर एवं नेशनल फेसलेस असेसमेंट सेंटर नई दिल्ली की मनमानी कार्यप्रणाली को नैसर्गिक न्याय के खिलाफ करार दिया है।
कोर्ट ने कहा कि सभ्य न्याय व्यवस्था अधिकारियों को देश के नागरिकों को परेशान करने की मनमानी करने की इजाजत नहीं देती। और न ही विधिक या राजनीतिक सिस्टम राज्य को कानून से ऊपर नहीं ले जा सकता। कोर्ट ने जो राशि याची ने बैंक ऑफ बड़ौदा में जमा ही नहीं की उसे लेकर कर निर्धारण की कार्यवाही नोटिस पर आपत्ति पर विचार न कर उसे निरस्त कर देने को शक्ति का दुरुपयोग माना और आयकर विभाग पर 50 लाख रुपये हर्जाना लगाते हुए तीन सप्ताह में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में जमा करने का निर्देश दिया। यह निर्णय न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी एवं न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने एसआर कोल्ड स्टोरेज की याचिका पर दिया है।