सुल्तानपुर। अनुदानित महाविद्यालयों में संचालित स्ववित्त पोषित विषयों के 100 से अधिक शिक्षक अल्प वेतन में पढ़ाने को मजबूर है। शिक्षकों ने सरकार से विनियमितीकरण किए जाने की मांग का ज्ञापन डीएम को सौपा है।
जिले में पांच अनुदानित महाविद्यालय है। इन महाविद्यालयों में स्ववित्त पोषित योजना के ताहत कई विषयों के शिक्षक बहुत कम वेतन पर काम कर रहे हैं। इन शिक्षकों को भी उतना ही काम करना पड़ता है, जितना काम स्थायी शिक्षक करते हैं। अनुदानित महाविद्यालयों में कार्यरत स्ववित्त पोषित शिक्षकों ने मुख्यमंत्री से विनियमितीकरण की मांग की है। अनुदानित महाविद्यालय स्ववित्त पोषित शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अरुणेश अवस्थी के आह्वान पर जिलाध्यक्ष डॉ. करुणेश प्रकाश भट्ट के नेतृत्व में शिक्षक बृहस्पतिवार को जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने अपनी मांगों के संबंध में मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन डीएम के प्रतिनिधि मुख्य राजस्व अधिकारी को दिया । शिक्षक संघ के विश्वविद्यालय इकाई महामंत्री डॉ. जीतेंद्र तिवारी ने बताया कि अनुदानित महाविद्यालय के स्ववित्त पोषित पाठ्यक्रमों में लगभग 15-20 वर्षों से यूजीसी से निर्धारित पूर्ण योग्यता के आधार पर असिस्टेंट प्रोफेसर के खोखले पदनाम और बेहद कम वेतनमान पर काम करने वाले शिक्षकों को स्थिति चिंतनीय है। इन शिक्षकों को यूजीसी वेतनमान दिए जाने अथवा विनियमित किए जाने की मांग पर कई बार सैद्धांतिक सहमति बन चुकी है लेकिन इसे अभी तक लागू नहीं किया गया है। जिलाध्यक्ष डॉ. करुणेश प्रकारा भट्ट ने कहा कि आने वाले शिक्षक दिवस पर अनुदानित महाविद्यालयों में कार्यरत स्ववित्त पोषित शिक्षकों के बारे में महत्वपूर्ण घोषणा हो सके, इसलिए प्रदेश भर के शिक्षक मुख्यमंत्री को अपना मांग पत्र सौंप रहे हैं। इस मौके पर गनपत सहाय पीजी कॉलेज के अध्यक्ष डॉ. आलोक तिवारी, डॉ. अजय शुक्ल, ज्ञानेंद्र विक्रम सिंह समेत कई शिक्षक मौजूद रहे।