बाउंड्रीविहीन बेसिक के 186 स्कूल, खतरे में मासूम

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ज्ञानपुर। आपरेशन कायाकल्प और कंपोजिट ग्रांट से स्कूलों की मूलभूत सुविधाओं में भले ही सुधार हो रहा है, लेकिन अब भी 186 प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और कंपोजिट विद्यालय बाउंड्री विहीन है। इससे बच्चों की सुरक्षा का भय बना रहता है। तालाब-पोखरे और सड़कों के किनारे स्थित स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक के साथ शिक्षक भी चिंतित रहते हैं। नदियों के सीमावर्ती स्कूलों में तो कभी कभार जंगली जानवर भी पहुंच जाते हैं। जिले में कुल 891 प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक विद्यालय और कंपोजिट विद्यालय हैं। ऑपरेशन कायाकल्प के तहत करीब चार साल से स्कूलों की तस्वीर बदली जा रही है।

शिक्षा विभाग, पंचायत राज विभाग के संयुक्त प्रयास और प्रधानों की मेहनत से तमाम विद्यालय चमकने लगे हैं, लेकिन अब भी बड़ी संख्या में ऐसे विद्यालय हैं, जहां पर सभी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। सुरक्षा मानकों के तहत विद्यालयों में बाउंड्रीवाल होना जरूरी है। इससे इतर जिले के 186 स्कूल ऐसे हैं, जिनकी बाउंड्री ही नहीं है। इनमें 105 प्राथमिक और 81 पूर्व माध्यमिक विद्यालय शामिल हैं। गौर करने वाली बात है कि बाउंड्रीवाल विहीन ज्यादातर स्कूल या तो सड़क के किनारे स्थित हैं अथवा तालाब-पोखरों से सटे हुए हैं। ऐसे में बच्चों के स्कूल आते-जाते वक्त अभिभावकों में भय बना रहता है। मध्यावकाश में जब विद्यार्थी एमडीएम खाने के बाद खेलने जाते हैं तो चिंता और बढ़ जाती है। परिसर में कुत्तों संग कभी कभार जंगली जानवर भी पहुंच जाते हैं। शाम के समय नशेड़ी भी स्कूल में आकर गंदगी फैलाते हैं। शिक्षक और अभिभावक दोनों ही विद्यार्थियों की सुरक्षा को लेकर सहमे रहते हैं। शिक्षा विभाग के अनुसार बाउंड्री निर्माण के लिए सर्वे चल रहा है। मनरेगा से सभी 186 बाउंड्रीवाल का निर्माण होना है जबकि 10 का निर्माण हो रहा है। एक-एक बाउंड्रीवाल पर करीब 10-10 लाख का खर्च आएगा।