लखनऊ। परिषदीय स्कूलों में बच्चों को निशुल्क पुस्तकें वितरित करने में बेसिक शिक्षा विभाग अपने ही तय लक्ष्य में फेल हो गया है। प्रकाशकों के लिए जिलों में किताबों की आपूर्ति की तय समय सीमा सोमवार को समाप्त हो गई। लेकिन प्रकाशकों ने 11 करोड़ पुस्तकों की तुलना में अभी सिर्फ आठ करोड़ किताबों की ही आपूर्ति की है।
विभाग अब प्रकाशकों पर मंगलवार से होने वाली आपूर्ति पर अर्थदंड लगाएगा। हर हफ्ते देर से मिलने वाली किताबों के भुगतान में से एक फीसदी राशि की कटौती करेगा। सबसे ज्यादा लापरवाही बरतने वाले सात प्रकाशकों को नोटिस जारी किया गया है।
पुस्तकों की खरीद के लिए आर्डर की प्रक्रिया जून के प्रथम सप्ताह में शुरू हुई थी। कुल 13 प्रकाशकों को तीन महीने में आपूर्ति के निर्देश दिए गए थे। प्रकाशकों को सभी 75 जिलों में करीब 11 करोड़ किताबों की आपूर्ति करनी थी। लेकिन अभी तीन करोड़ किताबों की आपूर्ति बाकी है। किसी जिले में शत प्रतिशत आपूर्ति नहीं हो पाई है। लखनऊ, संभल समेत कुछ जिले ऐसे हैं, जहां 95 प्रतिशत आपूर्ति का विभाग का दावा है। पाठ्य पुस्तक अधिकारी श्याम किशोर तिवारी का कहना है कि जल्द ही सभी जगह आपूर्ति कराई जाएगी।
जिले स्तर पर वितरण में भी ढिलाई, नोटिस
जिलों में किताबें पहुंचने के बाद उसके वितरण में भी लापरवाही हो रही है। विभाग ने रामपुर, अमरोहा, गोंडा, हाथरस, बदायूं, सीतापुर, कन्नौज, संत कबीरनगर, हमीरपुर जिलों लापरवाही के आरोप में नोटिस भी जारी की है।